जीरो टॉलरेंस की आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है योगी सरकार- अजय कुमार लल्लू
लखनऊ। उत्तर प्रदेश काँग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर हमला बोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त होकर जनता के धन की लूट में जुटी हुई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लोकल फाॅर वोकल की आड़ लेकर स्वदेशी के नाम पर जिस तरह सरकार के मंत्रियों ने पांच सितारा होटल में प्रेस कांफ्रेंस कर इन ब्लॉक नामक मोबाइल लांच किया और जनता को यह बताया कि यह मोबाइल पूरी तरह स्वदेशी होने के साथ सरकार के कौशल विकास योजना का हिस्सा है, उससे साबित होता है कि जीरो टॉलरेंस की आड़ में उत्तर प्रेदश में किस तरह भ्रष्टाचार चरम पर है। सत्ताधारी दल सत्ता के बल पर छल-छद्म कर जनता को भ्रमित करने के साथ ही उसके उत्पीड़न, शोषण में लगा हुआ है। सरकार की गलत नीतियों को उजागर करने वालो के विरुद्ध फर्जी मुकदमे लिखे जा रहे है। कानून व्यवस्था पूरी तरह चैपट हो चुकी है। भावनात्मक बाते करके हर तरफ लूट का साम्राज्य स्थापित किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस खेल में करोड़ों रूपये विज्ञापन पर खर्च किये गए। इन ब्लॉक मोबाइल की लांचिंग करते समय और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में इसके प्रचार पर अनाप-शनाप खर्च स्पष्ट करता है कि यह सरकार के संरक्षण में सब कुछ किया जा रहा था। यदि ऐसा नही था तो निजी कम्पनी के उत्पाद के प्रचार के लिये पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के फोटोयुक्त होर्डिंग कैसे लगाए गए थे, पीएम या सीएम को क्या पता नही था कि उनके फोटो का उपयोग निजी हितों के लिये किया जा रहा है। यदि उन्हें नही पता तो इसका मतलब यह कि उनका सूचना तंत्र नाकारा है। जबकि सच्चाई यह है कि सरकारी पीएसयू को कबाड़ करने के लिये पीएम लगातार निजी कंपनियों के ब्रांड एम्बेस्डर बने हुए हैं। उसी परिपाटी पर राज्य की योगी सरकार भी चल रही है।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि फोन बनाने वाली तथाकथित कंपनी भी पूरी तरह संदिग्ध है क्योंकि कंपनी का सीईओ एक साधारण व सामान्य युवा है, इस भ्रष्टाचार के पीछे सत्ता में बैठे लोगों की मिलीभगत साफ जाहिर है। तथाकथित कम्पनी के सीईओ की मंत्रियों व विधायकों द्वारा की गयी प्रशंसा इसका जीवंत प्रमाण है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को इतने बड़े गंभीर भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त मंत्री को तत्काल अपने मंत्रिमण्डल से बर्खास्त करना चाहिए।