राष्ट्रपति ने दीव में विकास से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं का किया शिलान्यास

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दीव में विकास से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इनमें आईआईटी वडोदरा-इंटरनेशनल कैंपस, दीव और घोघला स्थित कमलेश्वर स्कूल के पहले शैक्षणिक सत्र का उद्घाटन शामिल है। इसके अलावा उन्होंने सौदवाड़ी में एक स्कूल के निर्माण और दीव सिटी वॉल पर 1.3 किलोमीटर लंबी है रिटेज वॉक-वे में सुधार के लिए भी आधारशिला रखी। वहीं धरोहर स्थलों (जम्पा और बाजार) का संरक्षण और मोहरे की बहाली, फोर्ट रोड पर फल एवं सब्जी बाजार का उन्नयन और दीव जिले के पूरे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एकीकृत नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली के लिए विकास परियोजना का उद्घाटन शामिल है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने इस केंद्रशासित प्रदेश में नागरिक सुविधाओं के निर्माण और उनके रखरखाव के प्रयासों के लिए दादर एवं नागर हवेली और दमन एवं दीव के लोगों और प्रशासन की प्रशंसा की। उन्होंने आगे कहा कि केंद्रशासित प्रदेश के प्रयासों की वजह से दीव अब भारत का पहला शहर बन गया है, जो दिन में अपनी ऊर्जा जरूरतों की 100 फीसदी आपूर्ति सौर ऊर्जा के माध्यम से पूरा करता है।

राष्ट्रपति ने इस पर खुशी व्यक्त की कि इस केंद्रशासित प्रदेश में ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ के लिए अभियान काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए इन पहलों के तहत स्थापित पर्यावरण अनुकूल फूड स्टॉल न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाएगा, बल्कि पर्यटकों को देसी स्वाद भी प्रदान करेगा।

यह गर्व की बात है कि इस केंद्रशासित प्रदेश के सभी तीन जिलों को ‘खुले में शौचमुक्त’ घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने प्रत्येक घर से कचरा उठाने की जिम्मेदारी लेकर पूरे देश के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि लोगों की उत्साहपूर्ण भागीदारी और प्रशासन के अथक प्रयासों की वजह से ‘स्वच्छ सर्वेक्षण- 2019’ में दमन एवं दीव ने पहला स्थान प्राप्त किया था।

इसके अलावा राष्ट्रपति ने सभी घरों में पेयजल उपलब्ध करवाने, सभी महिलाओं को उज्ज्वला योजना का लाभ देने और स्कूल जाने की उम्र वाले सभी बच्चों का नामांकन सुनिश्चित कराने के लिए प्रशासक, सांसदों और अन्य जन प्रतिनिधियों, अधिकारियों, उद्यमियों के साथ दादर एवं नागर हवेली और दमन एवं दीव के लोगों के प्रयासों की प्रशंसा की।

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