ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिण्डोला, लखनऊ में शहीद बाबा संगत सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित किये

लखनऊ। शहीद बाबा संगत सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये। शहीद बाबा संगत सिंह को गुरू सिंह सभा ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिण्डोला, लखनऊ में प्रातः के दीवान में श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये। जिसमें प्रातः के दीवान में रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह ने अपनी मधुर वाणी में शबद कीर्तन गायन किया मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी सुखदेव सिंह ने कहा कि शहीद बाबा संगत सिंह का जन्म पटना साहब में दशम पिता साहिब गुरु गोबिन्द सिंह से चार महीने बाद 25 अप्रैल 1667 ई.(1723 विक्रम सम्वत 16 फाल्गुन) को भाई रणीए जी के घर बीबी अमरो जी की कोख से हुआ।

बाबा संगत सिंह शांति और युद्ध के दौरान गुरु गोबिंद सिंह के साथ रहे। जब गुरु गोबिंद सिंह आनंदपुर साहिब से निकले और सिरसा नदी पार करने के बाद चमकौर पहुंचे, तो उनके साथ कुछ सिख योद्धा भी थे। उस महत्वपूर्ण युद्ध में भी, बाबा संगत सिंह गुरु गोविंद सिंह की सेवा में थे।

खालसा की गुरुमता के अनुसार, जब गुरु गोबिंद सिंह ने युद्ध की रणनीति और कुछ दैवीय विचारों को ध्यान में रखते हुए, चमकौर की गढ़ी छोड़ने का फैसला किया, तो उन्होंने बाबा संगत सिंह को अपनी पोशाक और कलगी धारण कराई। बाबा संगत सिंह जी दुश्मन की 10 लाख सेना का सामना करते हुए 1704 में  शहीद हो गए लेकिन यह खेद का विषय था कि बाबा संगत सिंह को इतिहास में कोई उचित स्थान नहीं मिला जिसके  वे सबसे अधिक हकदार थे।

बाबा संगत सिंह चमकौर में शहीद हो गए, लेकिन उनका अंतिम संस्कार स्थल (समाधि) आनंदपुर साहिब के पास रोपड़ जिले की तहसील नूरपुर बेदी में उनके पैतृक गाँव कट्टा (सब्बोर) में  स्थित है। क्षेत्र के लोग उन्हें पूजते हैं और समाधि लगाते हैं। सतपाल सिंह मीत ने बताया कि माता गुजरी और चारो साहिबजादों का शहीदी दिवस 25 दिसम्बर को गुरू सिंह सभा ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिण्डोला, लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया जायेगा।

इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध रागी जत्था भाई वीर सिंह विशेष रुप से शिरकत करेंगे। समाप्ति के उपरान्त गुरु का लंगर वितरित किया जायेगा। दीवान की समाप्ति के पश्चात लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष स0 राजेन्द्र सिंह बग्गा ने शहीद बाबा संगत सिंह जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

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