जब भक्ति दुखी होता है तो महाराज जी को भी तकलीफ होती है

 


गुरु की जय करना अच्छी बात है -करना चाहिए। 

परन्तु वर्तमान में गुरु के लिए हमारी वास्तविक भक्ति उनके वचनों पर, उनके उपदेशों पर चलना ही होगी। 

क्योंकि जब हम ऐसा करेंगे तो हम सुखी होंगे, हमारे जीवन में शांति होगी। 

और जैसे महाराज जी हमेशा कहते हैं कि जब उनका भक्ति सुखी होता है, प्रसन्न होता है तो महाराज जी को भी प्रसन्नता होती है। 

और जब भक्ति दुखी होता है तो महाराज जी को भी तकलीफ होती है। 

महाराज जी उपदेशों पर चलने के पश्चात् हमारे जीवन में दुःख कम से कम होंगे - ये निश्चित है।

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