गुरूद्वारा नाका हिन्डोला में गुरुगोबिंद सिंह के साहिबजादों एवं माता गुजर कौर का शहीदी दिवस श्रद्धा के साथ मनाया गया

लखनऊ। गुरु गोबिंद सिंह जी के चारो साहिबजादों एवं माता गुजर कौर जी का शहीदी दिवस मनाया गया। आज माता गुजरी सत्संग सभा की ओर से सरबंसदानी साहिब गुरू गोबिन्द सिंह महाराज के चाराे साहिबजादों (साहिब अजीत सिंह, साहिब जुझार सिंह, साहिब जोरावर सिंह, साहिब फतहि सिंह) एवं उनकी माता, माता गुजर कौर का शहीदी दिवस गुरू सिंह सभा ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिन्डोला लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया।


इस अवसर पर प्रातः सुखमनी साहिब के पाठ से दीवान का आरम्भ हुआ, तत्पश्चात हजूरी रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह ने पवित्र आसा दी वार का शबद कीर्तन गायन द्वारा समूह संगत को निहाल किया। 15 दिसम्बर को शहीदी दिवस को समर्पित रखे गये सहज पाठ की समाप्ति के उपरान्त कथावाचक ज्ञानी हरविन्दर सिंह सुहाना वालों ने चाराे साहिबजादों एवं माता गुजर कौर के शहीदी दिवस पर व्याख्यान करते हुए कहा कि चमकौर की गढ़ी में गुरू गोबिन्द सिंह के बडे़ साहिबजादे बाबा अजीत सिंह एवं बाबा जुझार सिंह ने 10 लाख मुगल फौज का सामना करते हुए शहादत प्राप्त की और गुरू गोबिन्द सिंह के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह एवं बाबा फतहि सिंह ने जब इस्लाम नहीं कबूल किया तो उन्हें सरहंद के नवाब ने सरहंद में ही जिन्दा नींव में चुनवा कर शहीद कर दिया।

यह ऐतिहासिक घटना दिसम्बर माह में 1704 को हुई थी। पोतों की शहादत के बाद माता गुजर कौर ने भी अपने प्राण त्याग दिये। माता गुजरी सत्संग सभा की सदस्याओं ने सूरजि किरणि मिलै जलु का जल हुआ राम।। एवं के0के0 एन0एस0 गुरमति संगीत अकेडमी के बच्चों ने सुरा सो पहचानि अै लरै दीन के हेत। पुरजा-पुरजा कट मरे कबहु न छाडै़ खेत।। शबद कीर्तन गायन किया। रागी जत्था भाई वीरसिंह गुरुद्वारा अहिया गंज वालों ने पहिला मरणु कबूलि जीवन को छड़ि आस। होहु समना की रेणुका तउ आउ हमारे पासि।। शबद कीर्तन गायन किया।

मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी सुखदेव सिंह ने सरबंसदानी साहिब गुरू गोबिन्द सिंह महाराज के चाराे साहिबजादों एवं उनकी माता, माता गुजर कौर का शहीदी दिवस पर दिल को छू देने वाले विचार व्यक्त किये। दिन भर गुरबाणी कीर्तन तथा गुरमत विचारों का कार्यक्रम चला जिसका संचालन स0 सतपाल सिंह मीत ने किया।

गुरुद्वारा साहिब में प्रशासन के कोविड गाइडलाइन का पूरा पालन करने का प्रयास किया गया सभी को सेनेटाइजर लगाकर मास्क के साथ सोशल डिस्टेन्सिग का पालन यूथ खालसा ऐसोसिऐशन के सेवादारों द्वारा करवाया जा रहा था। समागम में लंगर के वितरण की सेवा हरमिन्दर सिंह टीटू एवं हरविन्दरपाल सिंह नीटा की देखरेख में दशमेश सेवा सोसाइटी द्वारा की गयी। जोड़ा घर में जूते-चप्पल की सेवा सिक्ख सेवक जत्थे के राजवन्त सिंह बग्गा, कुलदीप सिंह सलूजा आदि द्वारा की गई।


शहादत दिवस के अवसर पर बच्चों का आर्ट पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 75 बच्चों ने भाग लिया बच्चों ने साहिबजादों की शहादत से सम्बंधित पेंटिंग बनाई प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी बच्चों को सम्मानित किया गया। दीवान की समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष स0 राजेन्द्र सिंह बग्गा ने चारो साहिब जादों एवं माता गुजर कौर की शहादत को एक बड़ी शहादत कहा और अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। अरदास के उपरान्त गुरू का लंगर श्रद्धालुओं में वितरित किया गया।

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