बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम के अन्तर्गत 104 करोड़ रुपये की लागत के 145 कार्य अनुमोदित

लखनऊ बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-2021 के प्रस्तावों पर अनुमोदन प्रदान करने के सम्बन्ध में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में गठित ‘‘राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति’’ की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें वित्तीय वर्ष 2020-2021 की वार्षिक कार्य योजना के प्रस्तावों का अनुमोदन, अवशेष उपयोगिता प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराने, वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में जनपद खीरी हेतु स्वीकृत परियोजनाओं के स्थल परिवर्तन के प्रस्ताव पर अनुमोदन तथा जनपद बहराइच की दो पुलिया के निर्माण के स्थान पर एक पुलिया के निर्माण का अनुमोदन प्रदान किया गया।

अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने अधिकारियों से निर्धारित समयावधि में कार्यों को पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारियों से पिछले वर्षों के अवशेष उपभोग प्रमाण-पत्र 31 जनवरी, 2021 तक अवश्य उपलब्ध करा दिये जायें। बैठक में वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु विभिन्न विभागों के जनपद एवं महराजगंज के 145 कार्यों के प्रस्तावों को लागत करीब 104 करोड़ रुपये विस्तृत विचार-विमर्श के उपरान्त अनुमोदन प्रदान किया गया।

बैठक का संचालन करते हुए प्रमुख सचिव नियोजन आमोद कुमार ने बताया कि सीमा प्रबन्धन विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक व्यापक दृष्टिकोण को रखते हुए राज्य सरकारों के माध्यम से सीमा क्षेत्र विकास हेतु बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम को लागू किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के पास स्थित दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की विशेष विकास आवश्यकताओं को पूरा करना और केन्द्रीय/राज्य/बी.ए.डी.पी./स्थानीय योजनाओं और सहभागिता के माध्यम से आवश्यक अवस्थापना सुविधाओं के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों को संतृप्त करना है।

गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी गयी गाइडलाइन्स "Border Area Development Programme (BADP): Guidelines(2020)" के अनुसार चार/पांच वर्षीय दीर्घकालिक कार्य योजना एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 की वार्षिक कार्य योजना को एक साथ तैयार कर भारत सरकार को उपलब्ध कराया जाना है जिसके अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र के पास स्थित दूरदराज एंव दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करते हुए उस क्षेत्र में आवश्यक मूलभूत अवस्थापनाओं का विकास बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट स्कीम (BADS) से किया जायेगा।

वार्षिक कार्ययोजना में चयनित परियोजनाओं/कार्यों की लागत रुपये 10 लाख से कम की न हो। अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से सटे ग्रामों/कस्बों, अर्द्ध शहरी एवं शहरी, जो जीरो प्वाइन्ट से 10 किमी0 तक की दूरी पर स्थित है जो चयनित किया जायेगा। (BADS)के अन्तर्गत गैर सरकारी संगठनों (NGOs)/निजी संस्थानों (Private Institutions) को धनराशि उपलबध नहीं करायी जायेगी। (BADS) के अन्तर्गत भूमि क्रय हेतु कोई धनराशि देय नहीं होगी। जिलाधिकारियों द्वारा विस्तृत परियोजना के आगणन उपलब्ध कराते समय यह प्रमाणपत्र दिया जायेगा कि प्रस्तावित योजना हेतु निर्विवाद भूमि उपलब्ध है तथा प्रस्तावित कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण करा लिया जायेगा।

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