खादी और ग्रामोद्योग आयोग जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ कल दो समझौता ज्ञापनों पर करेगा हस्ताक्षर

 खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसीऔर जनजातीय कार्य मंत्रालय कल मंगलवार (19 जनवरी) को दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करेंगे। पहला समझौता ज्ञापन (एमओयू) जनजातीय छात्रों के लिए खादी का कपड़ा खरीदने के बारे में तथा दूसरा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में केवीआईसी के साथ जनजातीय कार्य मंत्रालय की भागीदारी के संबंध में है।

इन समझौता ज्ञापनों पर सूक्ष्‍मलघु और मध्‍यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए जाएंगे। ये समझौता ज्ञापन प्रधानमंत्री के "आत्‍मनिर्भर भारत" के आह्वान के अनुरूप है। इनका उद्देश्‍य पूरे देश में खादी कारीगरों और जनजातीय आबादी के एक बड़े भाग को मजबूत करते हुए स्थानीय रोजगारों का सृजन करना है।

पहले समझौता ज्ञापन के एक भाग के रूप में  जनजातीय कार्य मंत्रालय वर्ष 2020-21 में  14.77 करोड़ रुपये मूल्‍य का 6 लाख मीटर से अधिक खादी का कपड़ा खरीदेगा। यह कपड़ा मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे एकलव्य आवासीय विद्यालयों के छात्रों के लिए खरीदा जाएगा। जैसे-जैसे सरकार हर साल एकलव्य विद्यालयों की संख्या में बढ़ोतरी करती है उसी अनुपात में खादी के कपड़े की खरीदारी भी बढ़ती है।

दूसरे समझौता ज्ञापन के तहत  राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम (एनएसटीएफडीसीको पीएमईजीपी योजना लागू करने के लिए एक भागीदार के रूप में तैयार किया जाएगा। यह निगम जनजातीय कार्य मंत्रालय की एक एजेंसी हैजो देश में जनजातीय लोगों के आर्थिक विकास के लिए जिम्मेदार है। यह निगम अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में इच्‍छुक अनुसूचित जनजातियों के लोगों के उद्यमशीलता उपक्रमों के वित्तपोषण के लिए रियायती ऋण योजनाएं उपलब्‍ध कराता है। इस समझौता ज्ञापन से जनजातीय लोगों को विभिन्न उत्पादन गतिविधियों में शामिल करते हुए स्वरोजगार के अवसरों का सृजन करके लाभान्वित किया जा सकेगा। एनएसटीएफडीसी और केवीआईसी के इस सहयोग से पीएमईजीपी योजना में जनजातीय लोगों की संख्‍या में बढ़ोतरी होगी।

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