प्रधानमंत्री की प्रेरणा व योगी जी के निदेर्शो का पालन उत्तर प्रदेश में करायेंगे अरविंद शर्मा
आजकल उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया नाम अरविंद कुमार शर्मा का आ
रहा है। शर्मा गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी रहे है। इस
वर्ष 2021 के शुरु होते ही शर्मा के दायित्व में परिवर्तन का दौर शुरु
हो गया। उस दौर का श्रेय देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी जी
को जाता है।
जहां तक मेरा मानना है सरकार के मै एक कनिष्ठ पद पर अधिकारी
हूं मोदी जी को नजदीक से देखने का मौका हमको ललितपुर में स्थित माता टीला
डैम के गेस्ट हाउस में मिला था। मै नया सूचना अधिकारी बना था और ललितपुर
में तैनात था। रामजन्मभूमि आन्दोलन में श्रीरामरथ यात्रा के दौरान आडवानी जी को माता टीला डैम में गेस्ट हाउस में ही नजरबंद किया गया था। मोदी जी हमेशा आडवानी जी के साथ रहते थे। हम लोग वहीं अखबार देने जाते
थे तो मुलाकात होती थी। मोदी जी के अन्दर व्यक्ति को पहचानने की
अंतरदृष्टि है।
शर्मा जब उनके जिले मेहसाना में कलेक्टर थे। वह
जिला मोदी जी के जन्मस्थान बाडनगर और गुजरात के प्रसिद्ध नेता शंकर सिंह बघेला का क्षेत्र आता है। वहीं से शर्मा की कलेक्टरी
शुरु होती है और अपनी योग्यता कर्मठता के बल पर मुख्यमंत्री सचिवालय में
तैनात होते है। यह तैनाती अनवरत चलती रहती है और मोदी जी के साथ में इनको
जुड़ने का 2001 से जो मौका मिलता है वह जारी रहता है। मोदी जी की जब केन्द्र
में सरकार बनती है तो शर्मा गुजरात में प्रथम बार प्रतिनियुक्ति पर
आये और प्रधानमंत्री कार्यालय में सचिव बनाये गये। मोदी जी के नेतृत्व में शर्मा ने जो बाईबेंट गुजरात का अभियान छेड़ा जो औद्योगिकरण पर आधारित
था।
उसको अन्य राज्यों ने शाईनिंग उत्तर प्रदेश, शाईनिंग हमारा प्रदेश के
नाम पर शुरु किया गया। यह मुझे अच्छी तरह से याद है कि शर्मा का
जन्म एक सामान्य परिवार में मऊ जनपद के काझा खुर्द में दिनांक 11 जुलाई
1962 को शिवमूर्ति शर्मा के घर हुआ था। शर्मा जी परिवाहन
निगम में एक मुलाजिम थे। शर्मा के 6 संताने है। जिसमें अरविंद कुमार शर्मा प्रथम, दो अन्य भाई अनिल शर्मा एवं अरुण शर्मा है
तथा तीन बहने है जो अपने पड़ोसी जनपदों गाजीपुर बलिया में शादी हुई है तथा
अपने भरे खुशी परिवार के साथ है। शर्मा ने मऊ जनपद में विज्ञान से
इंटर करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में कला क्षेत्र में दाखिला लिया।
इनका स्नातक में विषय रहा मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र और राजनीति शास्त्र।
स्नातक करने के बाद शर्मा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक अनुशासित
विभागाध्यक्ष प्रो हरिमोहन जैन के सानिध्य में राजनीति शास्त्र से
परास्नातक किया। छात्र जीवन जिस तरह मध्यम श्रेणी का रहता है वहीं रहा। हम
लोग दर्जनों छात्रों का एक काफिला रहता था जो शर्मा को अपना रोल माडल
मानता है। शर्मा ने अपनी पीड़ा कभी किसी को नहीं बतायी। सभी अपने से
जुड़ हुए लोगो को खानपान सम्मान का पूरा ध्यान रखा। छात्र जीवन में इन्होने
समान्य चर्चा में जब इलाहाबाद विश्वविद्यालय भारत का कैम्बिज विश्वविद्यालय
माना जाता है उस विश्वविद्यालय में नकल नाम की कोई चीज नहीं थी। नकल करने
वालों को हेय दृष्टि से देखा जाता था तथा उसे आत्मग्लानि होकर स्वयं ही नकल
छोड़ना पड़ता था।
यह हम लोगो ने देखा है कि शर्मा के वरिष्ठ सहपाठियों
से पता चला है कि आईएएस व पीसीएस का इलाहाबाद सेंटर है तो शर्मा ने
भगवान शंकर, हनुमानजी के सामने साक्षात संकल्प लिया कि हमें पीसीएस नहीं
आईएएस बनना है। इनका तैयारी दौर विशेष रुप से 1985 से शुरु हुआ और 1986-87
तक चलता रहा। यह सभी परीक्षाओं में लिखित परीक्षा क्वालीफाई करते।
साक्षात्कार देते परन्तु आईएएस में चयन नहीं हुआ। इसी बीच 1987 में आजमगढ़
की जियनपुर कस्बा की रहने वाली कुमारी किरन सिंह से इनकी शादी हुई। जो आज
इनकी पत्नी है और हम लोगो की भाभी है। किरन सिंह का पुण्य प्रताप
रहा तथा शर्मा की कठोर परिश्रम रहा कि सन् 1988 में आईएएस परीक्षा में
इनका चयन हो गया और भारत में इनका 72वां स्थान रहा।
हम छोटे अनुजों को खुशी
का दौर चला सभी इनके पीछे पीछे चलते इनके किताबों के बल पर आर्शीवादों के
बल पर छोटी मोटी नौकरी पा लिये। वह व्यक्ति 1988 में मंसूरी में ट्रेनिंग
करने के बाद जब गुजरात कैडर का आईएएस बना तो गुजरात कैडर को उत्तर प्रदेश
के निवासियों के लिए दूर नजर आया। लेकिन शर्मा ने गुजरात को अपना लिया
और यह गुजराती भाषा भी अच्छी तरह जानते है। मै जहां तक जानता हूं यह
हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी एवं गुजराती भाषा तथा अपनी बोल चाल की भोजपुरी
भाषा में पूरा कमाण्ड रखते है। मोदी जी से 2001 में जुड़ने के बाद इनका
दार्शनिक एवं राजनैतिक पक्ष खुलने लगा तथा कोई भी व्यक्ति किसी के साथ रहता
है चाहे अधिकारी का छोटा कर्मचारी हो या बड़ा तो एक दूसरे पर उसका प्रभाव
पड़ने लगता है।
मोदी जी की दार्शनिकता बेबाकीपन प्रतिबद्धता आदि ने अरविंद
शर्मा को भी मजबूत किया। सबसे बड़ी इनकी बात है कि यह छात्र जीवन में कहा
करते थे कि हमकों भारत वर्ष की सेवा करना है। आम लोगो को गरीबों को सेवा
प्रदान करना है। क्योकि इन्होने गरीबी देखी है। आम जीवन भी देखा है। हमें
नौकरी के बाद मौका मिला तो राजनीति में भी आना है लेकिन सेवानिवृत के बाद
आना है। इनकी सेवा के अभी डेढ़ साल के ज्यादा का समय रहा। हम छोटे लोग
नौकरशाही के आंचल में जीने वाले सपना देखते थे हमारे शर्मा कैबिनेट सचिव
बनेंगे लेकिन महादेव को हमारे हनुमानजी को हमारे श्रीराम जी को यह मंजूर न
होकर क्योंकि मोदी जी भी भगवान के अनन्य भक्त है। उन्होने सांस्कृतिक
मंचों पर अपनी प्रतिबद्धता को राष्ट्रवाद के साथ साथ संस्कृतिवाद की भी
दुहराई। पूजा पद्धति की भी दुहराई है।
जब दिनांक 5 अगस्त 2020 को जब
अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया तो उस समय पर
कोविड के कारण 200 से 250 व्यवस्थापकों में हमें भी माननीय योगी जी की
सरकार ने मुझे मीडिया प्रबन्धन का दायित्व दिया गया था। उस कार्यक्रम को
कवरेज करने के लिए राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय मीडिया का आगमन था। मुझे याद है
कि हम लोग 550 से ज्यादा मीडिया कवरेज के लिए प्रमाणित परिचय पत्र के आधार
पर पास जारी किया था। जिससे पूरा विश्व राममंदिर के शिलान्यास को देखा। इस
कार्यक्रम को और आगे बढ़ाने के लिए मोदी जी ने शर्मा को 11 जनवरी 2021
को जो देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्य तिथि है शर्मा का स्वैच्छिक सेवा निवृति स्वीकार कर 12 जनवरी 2021 को जो
विवेकानंद जी की जयंती है लखनऊ जाने का निर्देश दिया।
शर्मा ने मकर
संक्रान्ति एवं सूर्य उत्तरायण का इंतजार कर 14 जनवरी 2021 को भाजपा की
सक्रिय सदस्यता ग्रहण की। जिसका श्रेय मोदी जी व योगी जी पार्टी नेतृत्व
अमित शाह, जेपी नड्डा, स्वतंत्रदेव सिंह आदि को जाता है। भाजपा
प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह तथा उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा
की उपस्थिति में शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय सदस्यता
ग्रहण की एवं 18 जनवरी 2021 को विधानपरिषद के लिए नामांकन किया तथा
द्विवार्षिक चुनाव में अपने अन्य पार्टी के उम्मीदवारों के साथ दिनांक 21
जनवरी 2021 को निर्वाचित घोषित किये गये तथा मै सरकारी मीडिया से जुड़ा हूं।
शर्मा का 11 जनवरी से 21 जनवरी तक का राजनीतिक सफर बेजोड़ है। आज उत्तर
प्रदेश की राजनीति में एवं प्रथम पंक्ति की नौकरशाही में हलचल है अब देखना
है कि हमारे इस लेख को जारी होने के बाद आगामी 26 जनवरी 2021 तक क्या क्या
होता है। शर्मा ने अपने निजी वार्तालाप में कहा था कि जब मै इनकों
एमएलसी हेतु नामांकन की बधाई देने गये थे तो इन्होने कहा था कि मै एमएलसी,
मंत्री, उपमुख्यमंत्री बनने नहीं मोदी जी के निर्देश का विश्वास का पालन
करने आया हूं और भारतीय जनता पार्टी एवं मोदी जी से ही सम्भव है कि छोटे से
व्यक्ति को बड़ा पद दे सकते है तथा उसको जिम्मेदारी दे सकते है। हमकों जो
पार्टी जिम्मेदारी देगी उसको जिस प्रकार मैने गुजरात में अपनी जीवन में
मोदी जी के नेतृत्व में जिस निष्ठा से कार्य किया है। यहां भी एक सिपाही के
रुप एक सेवक के रुप में कार्य करता रहूंगा।
डॉ मुरलीधर सिंह
(उप सूचना निदेशक, अयोध्या मण्डल, उ0प्र0)
मो0 9453005405, 7080510637