नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान के समुद्री एक्वेरियम में 'रेड हॉक' मछली का हुआ आगमन


लखनऊ नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ के मछलीघर में समुद्री एक्वेरियम में 'रेड हॉक' (तमिल भाषा में इस मछली को परंटू कहते हैं) मछली का आगमन हुआ है। यह मछली समुद्री मछलियों में उन चंद प्रजातियों में से एक है जो अपनी आंख को बिना शरीर को हिलाए चारों तरफ घुमा सकती है। यह भारत के सुदूर दक्षिण क्षेत्र मंडपम (रामेश्वर) के पास बड़ी संख्या में पायी जाती हैं। 
 
 
इसके साथ ही समुद्री एक्वेरिम का मुख्य आकर्षण लॉयन फिश रखी गयी है, जिसके तंतुओं के चुभ जाने से किसी की जान भी जा सकती है। इसके अलावा कारपेट एनीमोन भी रखे गये हैं, जोकि जलीय जीव हैं और फूल की तरह दिखते हैंअत्यधिक खतरनाक यह एनीमोन क्लाउन फिश और डैमशिल को छोड़ कर अन्य मछली को पलक झपकते ही लील लेते हैं। 
 

इनके न तो आंख होती है और न ही कान, केवल अपनी त्वचा की संवेदनशीलता के कारण यह ऐसा कर पाते हैं। यह यदि हमारी त्वचा के सम्पर्क में आ जाये तो खाल तक उतार लेते है। साथ ही नीले रंग की खूबसूरत यलो टेल डैमसिल मछली भी रखी गयी है। 

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