जीवन की तीन सबसे महत्वपूर्ण बातें है प्रतीक्षा, परीक्षा और समीक्षा


जीवन में तीन बातें बड़ी महत्वपूर्ण हैं, प्रतीक्षा, परीक्षा, समीक्षा। जीव को "प्रतीक्षा" करनी पड़ती है। जीव भजन करे, साधन करे, सत्कर्म करे, पुरुषार्थ करे, कभी ना कभी फल जरूर मिलेगा, प्रभु कृपा जरूर करेंगे मगर उसको प्रतीक्षा करनी पड़ेगी।

दूसरी बात है "परीक्षा" संसार की परीक्षा करते रहना, जितना जल्दी जान लोगे इससे मुक्त हो जाओगे, जानना ही मुक्त होने का मार्ग है। जगत में सर्वत्र बहुत विषाद है, प्रभु की शरणागति ही विषाद से प्रसाद की ओर ले जाती है।

तीसरी बात है "समीक्षा" अपनी निरंतर समीक्षा करते रहो, स्वयं का सुधार ही तुम्हारा उद्धार कर सकता है, भौतिक समृद्धि और आध्यात्मिक समृद्धि तुम्हें स्वयं के द्वारा ही प्राप्त होगी, एक ज्ञानी और महान व्यक्ति आत्मचिंतन करते-करते शिखर पर पहुँच जाता है, वहीं अज्ञानी स्वयं की बजाय दूसरों के गुण-दोष का चिंतन ही करते रहने के कारण उपलब्धियों से वंचित रह जाता है।

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