बसपा के पूर्व महासचिव व काँग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी गिरफ्तार कर भेजे गए जेल

लखनऊ। बसपा के पूर्व महासचिव व वर्तमान कांग्रेसी नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। दोनों ने मंगलवार को एमपीएमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के साथ ही अंतरिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
 
बता दें कि एक दिन पहले ही एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने हाजिर नहीं होने पर नसीमुद्दीन सिद्दीकी और राम अचल राजभर को भगोड़ा घोषित करते हुए उनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था। मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी को नियत की गई है। थाना हजरतगंज से संबंधित वर्ष 2016 के दो मामले कोर्ट में हाजिरी के लिए नियत थे। इनमें आरोपी मेवा लाल गौतम, अतर सिंह राव एवं नौशाद अली हाजिर थे, जबकि नसीमुद्दीन एवं राम अचल गैरहाजिर थे। दोनों आरोपियों की ओर से हाजिरी माफी और मुकदमे में तारीख देने की मांग वाली अर्जी दी गई थी।
 
कोर्ट ने पहले मामले में कहा कि दोनों आरोपियों का गिरफ्तारी वारंट जारी होने और भगोड़ा घोषित होने के बाद भी हाजिर नहीं हो रहे हैं। इस स्थिति उनका हाजिरी माफी और स्थगन प्रार्थना पत्र पोषणीय न होने के कारण खारिज किया जाता है। कोर्ट ने दोनों को फरार घोषित कर संबंधित थाना प्रभारी को उनकी संपत्ति कुर्क कर 22 फरवरी तक रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। आरोपियों के बयान के लिए नियत दूसरे मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दोनों के हाजिर न होने से मुकदमे की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस पर कोर्ट ने भगोड़ा घोषित करते हुए 82 दंड प्रक्रिया संहिता का आदेश जारी कर जमानदारों को नोटिस दिए थे।

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