भक्ति वो प्रसाधन है जो जीवन के सौंदर्य को बढ़ा देता है
ये बात तो सत्य है कि भक्त के जीवन में भी दुख बहुत होते
हैं लेकिन ये बात भी सत्य है कि प्रभु भक्त के चेहरे पर कभी मायूसी नहीं
रहती है। भक्ति दुख
नहीं मिटाती है बस दुख सहने की क्षमता को इतना बढ़ा देती है कि बड़े से
बड़ा दुख भी उसके आगे बौना ही नजर आता है।
भक्ति जीवन का श्रृंगार है।
भक्ति वो प्रसाधन है जो जीवन के सौंदर्य को बढ़ा देता है। जैसे बिना जल के
बादल शोभाहीन एवं अनुपयोगी हो जाता है, उसी प्रकार भक्ति हीन मानव का जीवन
भी समझा जाना चाहिए। प्रभु चरणों में विश्वास हमारे अंदर की सकारात्मकता को बनाए रखकर हमारे
आत्मबल को मजबूत बनाता है।
सत्य कहें तो भक्ति ही किसी व्यक्ति के अंदर
साहस पैदा करती है। हनुमानजी महाराज ऐसे ही साहसी और बलशाली नहीं बन गये।
सच पूछो तो भक्ति के प्रताप से ही वो साहसी व बलशाली भी बन पाये हैं।
स्वकल्याण और पर सेवा की भावना दृढ़ हो, इसके लिए भी भक्ति महारानी का
सुदृढ़ आश्रय अनिवार्य हो जाता है।