मुख्यमंत्री ने 'जे0ई0 टीकाकरण अभियान' तथा 'सघन मिशन इन्द्रधनुष' के तृतीय चरण का किया शुभारम्भ
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर 'जे0ई0 टीकाकरण अभियान' तथा 'सघन मिशन इन्द्रधनुष' के तृतीय चरण का शुभारम्भ किया। उन्होंने 'ई-कवच' मोबाइल एप्लीकेशन भी लॉन्च किया। उन्होंने 'खुशहाल परिवार दिवस' के अवसर पर नव विवाहित दम्पत्तियों को 'शगुन किट' वितरित की। इस अवसर पर जन स्वास्थ्य के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गये कार्यों के सम्बन्ध में एक डॉक्यूमेन्ट्री भी प्रदर्शित की गयी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेशवासियों को विभिन्न बीमारियों से बचाने तथा उपचार के लिये अनेक योजनाएं एवं कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। इन योजनाओं और कार्यक्रमों को पूरी प्रतिबद्धता और ईमानदारी से लागू किया जाए, जिससे प्रदेशवासी अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने के साथ ही, इस सम्बन्ध में संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों का पूरा लाभ प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 04 वर्ष में प्रदेश सरकार द्वारा अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से इन्सेफेलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण किया गया है। पिछले 40-42 वर्ष से पूर्वी उत्तर प्रदेश में इन्सेफेलाइटिस का व्यापक प्रभाव था, जिसमें प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हो जाती थी। वर्ष 2017 में प्रदेश में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर, अन्य विभागों के पारस्परिक समन्वय से जे0ई0 तथा ए0ई0एस0 पर नियंत्रण के प्रयास अभियान चलाकर किये गये। इसके फलस्वरूप इन्सेफेलाइटिस की बीमारी पर 75 प्रतिशत से अधिक तथा इससे होने वाली मृत्यु पर लगभग 95 प्रतिशत तक नियंत्रण किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जे0ई0 टीकाकरण में टीके के सक्रिय होने में कुछ समय लगता है। इसके दृष्टिगत जे0ई0 टीकाकरण का यह उपयुक्त समय है। सामान्यतः जे0ई0 का प्रकोप माह जुलाई के पश्चात होता है। इसलिए माह फरवरी, मार्च में टीकाकरण कार्य प्रभावी सिद्ध होता है। उन्होंने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय हमारी सफलता का मूल मंत्र हैइसके दृष्टिगत जे0ई0 टीकाकरण भी विभिन्न विभागों द्वारा पारस्परिक समन्वय के साथ किया जाए। जे0ई0 व ए0ई0एस0 पर अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम बिना किसी अतिरिक्त व्यय के कन्वर्जेंस के जरिए काबू किया गया है। इसी तरह इस बीमारी को पूरी तरह समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि विभिन्न बीमारियों पर नियंत्रण के लिये स्वच्छता तथा शुद्ध पेयजल आवश्यक है।
स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत बड़ी संख्या में व्यक्तिगत और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण से इन्सेफेलाइटिस के नियंत्रण में सफलता मिली है। जल जीवन मिशन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिये कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रारम्भ किये गये टीकाकरण कार्यक्रम 'सघन मिशन इन्द्रधनुष' को सफल बनाना हर व्यक्ति का दायित्व है। गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के समय से टीकाकरण से विभिन्न बीमारियों से बचाव सम्भव है। इससे शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। इस सम्बन्ध में व्यापक जागरूकता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण कार्य में स्वास्थ्य तथा बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग को अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ कार्य करना चाहिए। कोरोना के विरुद्ध सफलता में सामूहिक रूप से काम करने की इच्छाशक्ति, टीमवर्क और पारस्परिक समन्वय ने बड़ी भूमिका निभायी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी कार्य में प्रभावी सफलता के लिये तकनीक का उपयोग आवश्यक है। कोरोना काल खण्ड में तकनीक के प्रयोग से विभिन्न कार्यों के सफल निष्पादन में सफलता मिली। उन्होंने कहा कि आज 'ई-कवच' मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया गया है। इस एप्लीकेशन के माध्यम से जे0ई0 टीकाकरण से छूट गये बच्चों को चिन्हित कर टीकाकरण का कार्य करने में मदद मिलेगी। उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि आकांक्षात्मक जनपदों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए टेलीमेडिसिन तथा टेलीकन्सल्टेशन का उपयोग किया जाए। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व व मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग को विभिन्न कार्यों में प्रभावी सफलता मिली है।
इन्सेफेलाइटिस की बीमारी पर उल्लेखनीय नियंत्रण किया गया है। कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण किया गया। कोरोना टीकाकरण का कार्य भी समुचित ढंग से चल रहा है। कोविड-19 के प्रति पूरी सतर्कता बरती जा रही है। टेस्टिंग का कार्य पहले की तरह ही संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग को तकनीक से जोड़ने का लाभ मिल रहा है। विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों के सम्पादन में तकनीक को बढ़ाया जा रहा है। 'खुशहाल परिवार दिवस' के तहत प्रत्येक माह की 21 तारीख को नव दम्पत्तियों को उनके स्वास्थ्य व जीवन के प्रति जागरूक किया जाता है। कार्यक्रम के अन्त में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।