ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने उ0प्र0 में आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में हो रहे क्रांतिकारी परिवर्तनों की जमकर सराहना की


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में आए क्रांतिकारी बदलाव से देश और दुनिया के लोग प्रभावित हुए हैं। भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फेरल ने उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा से आज यहां विधान भवन स्थित उनके कार्यालय कक्ष में भेट कर प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में किए गए व्यापक सुधारों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है।

उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढाने का भी भरोसा दिया है। उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बनाई गई डिजिटल लाइब्रेरी की पहल को भी क्रान्तिकारी बताया। भेंट के दौरान प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं सहित अन्य मुद्दों पर व्यापक विचार विमर्श किया। उप मुख्यमंत्री ने भेंट के दौरान कहा कि देश एवं प्रदेश में निवेश की अपार संभावनाएं हैं, प्रदेश सरकार निवेश को बढ़ावा दिए जाने हेतु आधारभूत सुविधाएं तेजी से विकसित कर रही है। उन्होंने इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में निवेश को बढ़ावा दिए जाने के संबंध में उठाए जा रहे सकारात्मक कदमों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार निवेश कर्ताओं का खुले मन से स्वागत कर रही है।


उपमुख्यमंत्री ने वार्ता के दौरान कहा कि देश में जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा परिषद की 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षा में लगभग 56 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद प्रदेश के बहुत सारे परीक्षार्थी अन्य प्रदेश या विदेशों में अध्ययन करने जाते हैं। उप मुख्यमंत्री ने ऑस्ट्रेलिया के 06 उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों के कैंपस उत्तर प्रदेश में भी खोले जाने के प्रस्ताव दिया, जिस पर ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने भी रुचि दिखाई है। उप मुख्यमंत्री ने प्रदेश के छात्रों को उच्चतर कौशल विकास की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रस्ताव रखा कि उत्तर प्रदेश के छात्रों को आस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा की प्राप्ति के दौरान डुवल (Dual) स्कीम की सुविधा प्रदान किया जाय, जिसके अंतर्गत उच्च शिक्षा में अन्य विषयों के अध्ययन के साथ-साथ तकनीकी एवं व्यवसायिक शिक्षा विशेषकर मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में दक्षता प्रदान की जाय। 


इसके साथ ही प्रदेश के छात्रों को वर्क एक्सपीरियंस की प्राप्ति हेतु पर्याप्त वीजा एक्सटेंशन की सुविधा भी प्रदान किए जाने संबंध में वार्ता की गई। इस दौरान प्रदेश में विद्यार्थियों, अध्यापकों तथा शिक्षा से जुड़े सभी व्यक्तियों के मार्गदर्शन तथा अन्य सुविधा हेतु ऑस्ट्रेलिया सरकार के समन्वय से जॉब फेयर, सेमिनार तथा वेबीनार आयोजित किए जाने पर भी वार्ता की गई, जिससे सार्वभौमिकरण के परिप्रेक्ष में उपलब्ध रोजगार को चिन्हित करते हुए उन्हें प्रेरित किया जा सके। भारत में कार्यरत ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों को युवा प्रतिभा प्राप्त करने में कठिनाई ना हो इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म की सुविधा प्रदान किए जाने पर भी चर्चा की गई।

ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ फैरेल ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा तथा आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में हो रहे क्रांतिकारी परिवर्तनों की जमकर सराहना की, साथ ही उत्तर प्रदेश और ऑस्ट्रेलिया के बीच शिक्षा और आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स को लेकर पारस्परिक सहयोग के लिए सहमति भी दिखाई। बैरी ने वार्ता के दौरान कहा कि दोनों देशों के मध्य संबंधों को आगे बढ़ाने में अपार संभावनाएं हैं और इस दिशा में उत्तर प्रदेश की भूमिका अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने करोना महामारी के दौरान जनसंख्या की दृष्टि से भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के परफॉर्मेंस को असाधारण करार करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया के बड़े बड़े देश इस वैश्विक महामारी से कराह रहे थे, उस समय में भारत के मजबूत नेतृत्व एवं जन सहयोग से इस बीमारी के खिलाफ किस प्रकार से जंग लड़ी जाए उसका उदाहरण पेश किया है।


ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के बीच में काफी मित्रता है। कोविड-19 दौरान जब लोग एक दूसरे से दूर हो रहे थे तो उस दौर में भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंध और भी गहरे हुए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और ऑस्ट्रेलिया के बीच में सहयोग की अच्छी संभावना है। बैरी ने कहा कि नई शिक्षा नीति आने के बाद आस्ट्रेलिया तथा अन्य देशों के विश्वविद्यालयों के लिए उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में कैंपस खोलने के संबंध में संभावनाएं उत्पन्न हुई है। इसके साथ ही हमारे देश की सरकार इस बात पर भी कार्य कर रही है कि कोविड के बाद भारत के छात्र ऑस्ट्रेलिया आकर पुनः शिक्षा ग्रहण कर सकें।

ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने माध्यमिक शिक्षा एवं उच्च शिक्षा तथा आईटी इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के प्रति बड़ी रुचि दिखाई। उन्होंने नोएडा क्षेत्र में बन रहे इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग हब का जल्द ही अपनी टीम के साथ दौरा किए जाने की बात भी कही है और आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर भी इच्छा जताई है। उन्होंने टेक्सटाइल क्षेत्र में भारत एवं आस्ट्रेलिया के बीच सहयोग बनाए जाने की बात भी की। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में जो प्रगति हुई है इस दिशा में वे काफी प्रभावित हुए हैं। बैरी ने वाल्टर बर्ली ग्रिफिन के बारे में भी बताया, जो की प्रसिद्ध वास्तुकार थे और उन्होंने ने ही ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा को डिजाइन किया था। उन्हें लखनऊ शहर से इतना प्यार हो गया की उन्होंने इसे अपना घर बना लिया। उन्होंने पायनियर प्रेस की इमारत, कैपिटल सिनेमा के अंदरूनी हिस्से, लखनऊ विश्वविद्यालय में टैगोर लाइब्रेरी आदि को डिजाइन किया।


वार्ता के दौरान स्कूली शिक्षा में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के मेधावी बच्चों का एक्सचेंज प्रोग्राम आयोजित किए जाने, प्रदेश में स्कूली खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र / छात्राओं को ऑस्ट्रेलिया में उच्च कोटि के प्रशिक्षकों के माध्यम से निशुल्क प्रोफेशनल प्रशिक्षण कैंपस की सुविधा प्रदान किए जाने, ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा विशेष खेल छात्रवृत्ति एवं स्पॉन्सरशिप प्रदान किए जाने, ऑस्ट्रेलिया में शिक्षण एवं मूल्यांकन हेतु उपयोग में लाई जा रही डिजिटल तकनीक, एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत ऑनलाइन शिक्षण मोड एवं अन्य नवाचारी शिक्षण प्रक्रियाओं की जानकारी प्राप्त करने हेतु प्रदेश के शिक्षा विभाग के अधिकारियों एवं शिक्षकों द्वारा ऑस्ट्रेलिया में जाकर अध्ययन एवं विशेषज्ञों से ऑनलाइन इंटरएक्टिव संवाद किए जाने के संबंध में भी चर्चा की गई।

वार्ता के दौरान प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों, प्रोफेशनल कॉलेजों और डिग्री कॉलेजों के साथ ऑस्ट्रेलिया के उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ समन्वय के संबंध में भी विचार विमर्श किया गया। कला, संस्कृति, वास्तुकला, प्राकृतिक अजूबों के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश तथा आस्ट्रेलिया के विद्यार्थियों के मध्य सांस्कृतिक एक्सचेंज प्रोग्राम तथा उच्च शिक्षा की प्राप्ति के लिए आस्ट्रेलिया के साथ समन्वय स्थापित किए जाने पर भी विचार विमर्श किया गया।

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