प्रोफेसर के साथ लूट करने वाले दो फर्जी पत्रकार होन्डा सिटी कार व 02 मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार

 
लखनऊ। थाना पीजीआई पुलिस टीम द्वारा पीजीआई क्षेत्र में रहने वाले प्रोफेसर के साथ लूट की घटना कारित करने वाले दो फर्जी पत्रकार किये गए गिरफ्तार। , 5000/- रूपये नगद, ।

थाना पीजीआई पुलिस टीम द्वारा पीजीआई क्षेत्र में रहने वाले प्रोफेसर के साथ लूट की घटना कारित करने वाले दो फर्जी पत्रकार गिरफ्तार मय बरामदशुदा 01 अदद एटीएम कार्ड, 01 अदद होन्डा सिटी कार, 02 अदद मोबाइल फोन एवं कूटरचित दस्तावेज, नगद रूपये 5000/- व अभियुक्त का आधार कार्ड, 03 अदद डीएल, 01 अदद मीडिया पहचान पत्र, 01 अदद मीडिया माइक, 02 अदद शार्प मीडिया न्यूज व इन्डिया वायस भी बरामद हुए है।


प्रोफेसर का वीडियो बनाकर लूट की घटना के संबंध में वादी द्वारा दिये प्रार्थना पत्र के आधार पर मु0अ0सं0- 94/21 धारा 386/342/394/506/411/467/468/471 भादवि थाना पीजीआई जनपद लखनऊ पंजीकृत हआ, जिसके संबंध में घटना के अनावरण हेतु उच्चाधिकारियों के दिशा निर्देशों के क्रम में गठित क्राइम टीम द्वारा क्षेत्र में घूम रहे फर्जी पत्रकारों द्वारा अपने पेशे का गलत उपयोग करके लोगों को धमकी देकर लूट की घटना कारित करने वाले पत्रकारों के अनावरण का प्रयास किया जा रहा था। उ0नि0 चन्द्रकान्त मिश्रा व उ0नि0 अजीत कुमार मय हमराही क्षेत्र में मामूर थे, तभी मुखबिर से सूचना मिली कि जो प्रोफेसर से लूट किये गए थे वही पत्रकार क्षेत्र में फिर घूम घूमकर किसी और को अपने चंगुल में फंसाने की तलाश में वृन्दावन चिरैया बाग की तरफ घूम रहे है।

मुखबिर की बात पर विश्वास कर मुखबिर द्वारा बतायी गयी जगह पर पहुँच कर दो फर्जी पत्रकार को रोका गया। उनके बारे में जानकारी ली गयी तो अपने आप को पत्रकार बताने लगे जिनसे आई0डी0 पहचान पत्र मांगा गया तो एक ही नाम के 03 पतों के अलग-अलग आधार कार्ड दिखाने लगे। इस पर पुलिस वालों को मुखबिर की बात पर विश्वास हुआ तब इन दोनों से थोड़ी सी सख्ती से पूछा गया तो कहने लगे कि सर हमसे गलती हो गई।

हमें माफ कर दिया जाये यह लीजिये प्रोफेसर साहब का एटीएम कार्ड और हमारे पास जो क्रेडिट कार्ड और आधार कार्ड था वो रास्ते में कहीं फेंक दिया और एटीएम इसलिये लिये थे कि प्रोफेसर को ब्लैकमेल कर अपने पास बुलाकर उसके एटीएम से पैसे निकलवाये जाये क्योंकि घटना वाले दिन हम लोग 11000/-रूपये छीन कर ले गये थे। अब वह खत्म होने के कगार पर आ गया है, जिसमें से हम दोनों के पास मिलाकर केवल 5000/-रूपया बचा है। इसीलिये फिर से हम प्रोफेसर को ब्लैकमेल कर बुला रहे थे तभी पुलिस ने हम लोगों को पकड़ लिया।

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