गुरूद्वारा नाका हिंडोला में श्रद्धा के साथ मनाया गया साहिब श्री गुरु हरिराय जी का जन्मोत्सव

लखनऊ सिखों के सातवें गुरु साहिब श्री गुरु हरिराय जी का प्रकाश पर्व (जन्मोत्सव) दिन बृहस्पतिवार को श्री गुरू सिंह सभा, ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिंडोला, लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया।

शाम का विशेष दीवान 6.30 बजे श्री रहिरास साहिब के पाठ से आरम्भ हुआ जो रात्रि 9.30 बजे तक चला। जिसमें रागी जत्था भाई लाखन सिंह गुरुद्वारा मानसरोवर वालों ने शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया। ज्ञानी हरविन्दर सिंह ने साहिब श्री गुरु हरिराय जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि साहिब श्री गुरु हरिराय जी का जन्म आज ही के दिन कीरतपुर साहिब में हुआ था। आपके पिता का नाम बाबा गुरदित्ता एवं माता का नाम निहाल कौर था। आप बचपन से ही गुणी व साधु स्वभाव के थे।

प्रातः उठकर वाहिगुरु का सिमरन करते थे। आप में सभी गुण देखकर आप के दादा छठे गुरु श्री गुरु हरिगोबिन्द साहिब जी बहुत प्रसन्न हुए और 14 वर्ष की आयु में आप को गुरु गद्दी सौंप दी। जब पंजाब में अकाल पड़ गया और मनुष्य रोटी के एक-एक टुकड़े को तरसने लगा तो आपने अपने दादा-परदादा द्वारा बताये गये उपायों द्वारा उनकी मदद की और दूसरे प्रान्तों के धनी सिखों ने भी अकाल पीड़ितों की मदद करने के लिए प्रेरित किया। दुखी गरीबों को वाहिगुरु के सिमरन से ठीक करते और बीमार लोगों के लिए एक बहुत बड़ा दवाखाना बनवाया जहां मुफ्त दवा दी जाती थी। शाहजहां का बेटा दारा शिकोह जब बीमार पड़ गया तो इसी दवाखाने से उसका इलाज हुआ था। आपके पास गुरु हरिगोबिन्द साहिब जी की आज्ञा से 2200 घुड़सवार भी थे जो जरुरत मन्दों की सहायता के लिये तैयार रहते थे।


जब औरंगजेब तख्त पर बैठा तो उसने गुरु जी को बुला भेजा। गुरु जी नही गये उन्होंने अपने बड़े पुत्र बाबा रामराय जी को भेज दिया। औरंगजेब ने सिखी के बारे में कई प्रश्न किये। रामराय जी ने दी गई शिक्षा और मर्यादा में रहकर जवाब नहीं दिया। जब गुरु जी को रामराय जी की इस कमजोरी व झूठ का पता चला तो गुरु जी ने आप को त्याग कर अपने छोटे पुत्र गुरु हरिक्रिशन जी को गुरु गद्दी सौंप दी। दीवान की समाप्ति के पश्चात लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा ने आई साध संगत को साहिब श्री गुरु हरिराय जी के प्रकाश पर्व की बधाई दी।

कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह ‘‘मीत’’ ने किया तत्पश्चात गुरु का लंगर श्रधालुओं में वितरित किया गया। शिरोमणि भक्त रविदास जी का जन्मोत्सव दिन शनिवार को प्रातः के दीवान में गुरू सिंह सभा, ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिंडोला,लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया जायेगा। समाप्ति के उपरान्त पुलाव का लंगर श्रधालुओं में वितरित किया जायेगा।

Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें