स्वास्थ्य कर्मियों तथा फ्रंट लाइन कर्मियों को भी कोविड वैक्सीनेशन लगाने का कार्य किया जा रहा है- नवनीत सहगल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,15,516 सैम्पल की जांच की गयी। प्रदेश में अब तक कुल 3,12,87,226 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 100 नये मामले आये हैं।

प्रदेश में कोविड-19 से रिकवरी का प्रतिशत अब 98 से अधिक हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 143 तथा अब तक 5,92,699 लोग कोविड-19 से ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। प्रदेश में सर्विलांस टीम के माध्यम से 1,85,664 क्षेत्रों में 5,11,928 टीम दिवस के माध्यम से 3,14,82,704 घरों के 15,28,71,225 जनसंख्या का सर्वेक्षण किया गया है। 

सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में प्रदेश सरकार के कोविड संक्रमण के प्रभावी नियंत्रण की कार्ययोजना कारगर सिद्ध हो रही है। प्रदेश में सर्विलांस, कांट्रैक्ट ट्रेसिंग व एग्रेसिव टारगेटिड टेस्टिंग से कोविड नियंत्रण में सफलता मिल रही है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश पर प्रदेश में कोविड-19 के केस कम होने पर भी कोविड-19 के टेस्ट कम नहीं किये जा रहे हैं। प्रदेश में सर्विलांस का नया प्रयोग कर प्रत्येक परिवार तक पहुंच कर उनका हालचाल लेते हुए कोविड संक्रमण की जानकारी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 24 करोड़ की जनसंख्या में से 18.40 करोड़ व्यक्तियों से सम्पर्क कर कोविड संक्रमण की जानकारी ली गयी तथा कोविड-19 के लक्षण मिलने पर उनका कोविड-19 टेस्ट कराया गया है।

प्रदेश में कोरोना का संक्रमण कम हुआ है। सहगल ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों तथा फ्रंट लाइन कर्मियों को कोविड वैक्सीनेशन लगाने का कार्य किया जा रहा है। वैक्सीन के लिए लक्षित लोगों को एक दिन पूर्व ही सूचित करने के निर्देश मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये हैं, जिससे कि सम्बंधित कर्मी समय से पहुंचकर वैक्सीन की डोज लगवा सके। सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। जिसके क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक 668.06 लाख कु0 धान किसानों से खरीदा गया है, जो पिछले वर्ष से लगभग डेढ़ गुना अधिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिलाधिकारी की यह जिम्मेदारी है कि किसानों को किसी प्रकार की समस्या न हो तथा क्रय केन्द्र सुचारू रूप से कार्य करे। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की अधिकारियो/ कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती जाती है तो उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। धान क्रय केन्द्र पर शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी की जिम्मेदारी होगी। धान क्रय केन्द्रों पर जिलाधिकारी एवं मण्डलायुक्त द्वारा निरन्तर सत्यापन अनुश्रवण तथा आकस्मिक निरीक्षण किया जाय। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद किये जाने हेतु 6000 क्रय केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं।

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