प्रदेश के युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी 'अभ्युदय योजना'- मुख्यमंत्री

 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अभ्युदय योजना प्रदेश के युवाओं के उत्कर्ष का मार्ग प्रशस्त करने की राज्य सरकार की एक अभिनव योजना है। यह योजना प्रदेश के युवाओं के लिए समर्पित है। अभ्युदय योजना राज्य के युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगी। जब बड़ी-बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रदेश का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा, तो उसका लाभ भी प्रदेश को होगा।
 
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर अभ्युदय योजना का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग प्रदान करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक अभिनव पहल करते हुए यह योजना प्रारम्भ की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्युदय योजना के अन्तर्गत 16 फरवरी, 2021 को बसन्त पंचमी से प्रदेश में क्लासेज शुरू होंगी। जिन युवाओं का टेस्ट के माध्यम से चयन हुआ है, उन्हें मण्डल मुख्यालय में साक्षात क्लास अटेण्ड करने का अवसर मिलेगा। शेष अभ्यर्थी वर्चुअल माध्यम से ऑनलाइन क्लास से जुड़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं को जिस भी फील्ड में जाना हो, उसकी शुरुआत अच्छे से करें। मजबूत बुनियाद ही मजबूत इमारत का आधार होती है। अभ्युदय योजना को लेकर यही भाव रखा गया है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 लाख से अधिक लोगों ने इस योजना में रुचि दिखायी है। 05 लाख से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया, जो योजना की लोकप्रियता को स्वतः दर्शाता है। अभ्युदय योजना के माध्यम से प्रतियोगी युवाओं को आई0ए0एस0, आई0पी0एस0, आई0एफ0एस0, पी0सी0एस0 सहित मेडिकल, आई0आई0टी0 के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। अभ्युदय योजना को सफल बनाने के उद्देश्य से बेहतर फैकल्टी की व्यवस्था की जा रही है। जीवन में यह बात सदैव याद रखनी चाहिए कि सकारात्मक सोच ही व्यक्ति को बड़ा बना सकती है। उन्होंने कहा कि आप सभी ने बेसिक शिक्षा के विद्यालयों में व्यापक परिवर्तन देखा होगा। इस परिवर्तन का आधार एक जिलाधिकारी की सोच का परिणाम है। आज प्रदेश के 90 हजार से अधिक विद्यालयों का कायाकल्प किया जा चुका है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्युदय योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत बनाने की नींव और मजबूत होगी। अभ्युदय योजना को पहले चरण में 18 मण्डल मुख्यालयों में प्रारम्भ किया जा रहा है। आने वाले समय में इसका विस्तार जनपदों में भी किया जाएगा। इस योजना में साप्ताहिक, मासिक टेस्ट भी होंगे, जिसके आधार पर स्क्रीनिंग की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रतिभा की कमी नहीं है। आवश्यकता है एक योग्य मार्गदर्शक की। अभ्युदय योजना के माध्यम से इस कार्य को एक स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कोई कमी नहीं है। प्रदेश के सभी जनपदो में विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज या अन्य संस्थान हैं, जिनमें अभ्युदय की कोचिंग संचालित की जा सकेगी। योजना को तकनीक के साथ जोड़ना होगा। फिजिकली क्लास में 50 से 100 विद्यार्थी इसका लाभ ले सकेंगे, वहीं सरकार का लक्ष्य वर्चुअली माध्यम से एक करोड़ युवाओं को योजना से जोड़ने का है।
 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्युदय योजना प्रदेश के युवाओं को समर्पित योजना है। प्रदेश का युवा योजना के माध्यम से अपनी प्रतिभा का लोहा देश व दुनिया में मनवा सकेगा। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये गये हैं। अब तक चार लाख से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्ति प्रदान की गयी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अभ्युदय योजना में 05 मण्डलों के पंजीकृत अभ्यर्थियों से संवाद किया। जनपद लखनऊ की कु0 प्रियांशु मिश्रा व कु0 अनामिका सिंह से मुख्यमंत्री ने साक्षात संवाद किया। पंजीकृत अभ्यर्थियों से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने जीवन में सफल होने के कुछ मंत्र दिये। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच से एकाग्रता आती है। व्यक्ति को संयमित जीवनचर्या रखनी चाहिए। विपत्ति में व्यक्ति का सबसे बड़ा मित्र धैर्य होता है।
 
संवाद के दौरान एक अभ्यर्थी द्वारा ओ0डी0ओ0पी0 पर पूछे गये प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 देश में परम्परागत उत्पाद को आगे बढ़ाने की एक महत्वपूर्ण योजना है। ओ0डी0ओ0पी0 योजना देश को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रही है। एक अन्य अभ्यर्थी के प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार व राज्य सरकार किसानों के हितों में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसानों की चिन्ता का समाधान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से जमीन का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की कृषि मानसून आधारित है, ऐसे में कभी-कभी कृषको को काफी नुकसान होता है। इसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से उन्हें सम्बल प्रदान करने का कार्य किया है।
 
कृषि को तकनीक से जोड़कर किसानों के जीवन को बेहतर बनाने का कार्य किया गया है। किसानों को एम0एस0पी0 का लाभ दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसानों के हित में तीन नये कृषि कानून लाये हैं, जिससे किसानों को काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार कृषि विविधीकरण को बढ़ावा दे रही है। झांसी में स्ट्रॉबेरी की खेती इसी का परिणाम है। एक अभ्यर्थी द्वारा कोविड प्रबन्धन के विषय में पूछे गये प्रश्न का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए एक रणनीति तैयार की गयी थी, जिसका परिणाम था कि प्रदेश में कोरोना पर प्रभावी अंकुश लगा। जब प्रदेश में पहला कोरोना केस आया था, तब प्रदेश में कोविड-19 की जांच की लैब नहीं थी लेकिन आज प्रदेश में प्रतिदिन 02 लाख कोरोना जांच की क्षमता विकसित की गयी है।
 
 
सभी जनपदों में डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल और इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर ने कोरोना को रोकने में महती भूमिका निभायी। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रदेश का सर्वांगीण विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि अभ्युदय योजना प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए एक अच्छा प्लैटफॉर्म है। इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश में नकलविहीन परीक्षा सम्पन्न कराने का कार्य किया है। विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त हो सके, इसके लिए पाठ्यक्रमों में भी व्यापक बदलाव किया गया है। समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने कहा कि मुख्यमंत्री अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को लाभान्वित करने के लिए संकल्पित हैं। निश्चित ही अभ्युदय योजना आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित होगी।

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