भक्ति के राज्य में भगवान स्वयं नाचते हैं

 
भगवान के पास दो शक्तियां हैं एक "माया" और दूसरी "भक्ति" है। माया और भक्ति में अंतर है अगर तुम्हें नाचना है तो माया माँग लो और अगर भगवान नचाना हो तो भक्ति माँग लो। जीव जिसके वश में रहे उसका नाम माया और भगवान जिसके वश में हो जाएं उसका नाम भक्ति। भक्ति के राज्य में तो मेरे कान्हा जी नृत्य करते हैं और भगवान के राज्य में समस्त संसार नाचता है जबकि भक्ति के राज्य में भगवान स्वयं नाचते है।

Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें