कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में केन्द्रीय बजट को लेकर एक विचार गोष्ठी का किया गया आयोजन

लखनऊ। आल इण्डिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस उत्तर प्रदेश के लखनऊ चैप्टर-2 के तत्वावधान में आज केन्द्रीय बजट को लेकर एक विचार गोष्ठी का आयोजन उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में आल इण्डिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस उ0प्र0 के चेयरमैन अनीस अंसारी पूर्व आई.ए.एस. की अध्यक्षता में किया गया। संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व आई.ए.एस आलोक रंजन जी ने सम्बोधित किया।
 
संगोष्ठी का संयोजन एआईपीसी लखनऊ चैप्टर-2 की अध्यक्ष प्रज्ञा सिंह द्वारा किया गया। इस मौके मो0 फहीमुद्दीन, प्रोफेसर अर्थशास्त्र (सेवानिवृत्त), गिरी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज ने इस बात पर जोर दिया कि बजट में कृषि क्षेत्र के लिए बहुत कम रियायत है। सरकार ने संकटग्रस्त किसानों को सीधे नकद भुगतान देने के बजाय, ऋण की पेशकश की है, हालांकि ऋण का पुनर्भुगतान ना कर पाना ही किसान आत्महत्या का प्रमुख कारण है।
 
गौरव प्रकाश, सह-अध्यक्ष, यूपी सीआईएमएसएमई ने इस बात पर जोर दिया कि छोटे खुदरा व्यापारी और एमएसएमई क्षेत्र जो रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं, उनके लिए इस बजट में कुछ अधिक नहीं है। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद आलोक रंजन, आईएएस (सेवानिवृत्त) ने इस बजट में डिसिंवेस्टमेंट से निजीकरण की ओर सरकार की रणनीति के बारे में बात की। रोडमैप जो कुछ संवेदनशील क्षेत्रों को छोड़कर सभी आर्थिक क्षेत्रों से सरकार को हटने की बात करता है, कई खतरों से भरा हुआ है, जिसमें सार्वजनिक उद्यमों के निजीकरण के मूल्यांकन के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप प्रमुख हैं।
 
जेएनपीजी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर अर्थशास्त्र डॉ. हिलाल अहमद नकवी ने राजकोषीय घाटे के बारे में बात की, जो कि सकल घरेलू उत्पाद के 9.5 पर आंकी गई है और अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि है जो भारतीय अर्थव्यवस्था को स्व-निर्मित और महामारी से प्रेरित दलदल से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त नहीं होगी। आॅल इण्डिया प्रोफेशनल्स कांग्रेस उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ0 अनीस अंसारी (सेवानिवृत्त आईएएस) ने प्रतिभागियों का परिचय दिया। लखनऊ -2 चैप्टर की अध्यक्ष, आर्किटेक्ट प्रज्ञा सिंह ने मेहमानों और साथियों का स्वागत किया।

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