सी.एम.एस. संस्थापक डाॅ. जगदीश गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी व अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से विश्व संसद के शीघ्र गठन की अपील की
लखनऊ: भारत के प्
अपने पत्र में डाॅ.जगदीश गाँधी ने श्री मोदी व श्री बाइडन से अपील की कि वे विश्व के रा जनेताओं की एक मीटिंग बुलाएँ व मानवता को पूर्णतया नष्ट होने से बचाने के लिए एक विश्व संसद का गठन करें।ये मीटिंग चाहें अमेरिका की राजधानी वाशिन्गटन डी.सी. में अथवा भारत की राजधा नी, नई दिल्ली में हो सकती है।
डाॅ. जगदीश गाँधी ने कहा ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी,संसार की 7.5 अरब अबादी (जिसमें 2.5 अरब बच् चे भी शामिल हैं) के भविष्य की सुरक्षा के लिए, आने वाली पीढ़ि यों के सुन्दर भविष्य के लिए जो कि द्वितीय विश्व युद्ध छिड़ने के बाद पिछले सात दशकों से बहु त असुरक्षित और अंधकारमय होता गया है व हाल में बढ़ती हुई अन् तर्राष्ट्रीय आतंकवाद, ग्लोबल वार्मिन्ग, महाविनाशक हथियारों का जमावड़ा, तृतीय विश्वयुद्ध का डर और परमाणु युद्ध का जो भय बना हुआ है, उसे रोकने के लिए ठोस कदम उठायेंगे और इसके एकमा त्र समाधान, अन्तर्राष्ट्रीय वि श्व व्यवस्था और विश्व संसद, का शीघ्र गठन करेंगे)।
यह विश्व संसद यूरोपीय संसद की तरह ही होनी चाहिये जिसमें 27 सम्प्रभु यूरोपीय देशों ने मि लकर एक सपना देखा और समान दृष् टिकोण रखते हुए यूरोपियन एकता, शान्ति और समृद्धि बनाने का प् रयास किया व किसी भी देश को अपनी सम्प्रभुता नहीं छोड़नी पड़ी ।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, भा रत रत्न, अटल बिहारी बाजपे यी की पंक्तियाँ दोहराते हुए, डाॅ. जगदीश गाँधी ने कहा - ‘‘ *विश्व शान्ति के हम साधक हैं, हम जंग ना होने देंगे*।’’ उन्हों ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत की प् राचीन सभ्यता व संस्कृति और ‘‘ वसुधैव कुटुम्बकम्’’ के विचारों से ओतप्रोत हैं, वे शान्ति के उपासक हैं और विश्व एकता व विश् व शांति के लिए भारतीय संविधान की धारा 51 को मानते हुए अन्तर् राष्ट्रीय विश्व व्यवस्था व वि श्व शांति के लिए पूर्ण रूप से समर्पित हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में ट्वीट किया -राष्ट्रपति जो बा इडन और हम एक कानून पर आधारित अन्तर्राष्ट्रीय व्यवस्था ; के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हम अपनी ‘‘स्टैटेजिक पार्टनरशि प" को और मजबूत बनाना चाहते हैं जिससे इण्डो पैसेफिक रीजिन में शान्ति और सुरक्षा बनी रहे।’’
इसके आगे डाॅ. जगदीश गाँधी ने कहा कि आज का समय दोनो बड़े प् रजातांत्रिक देशों के पास आने का सबसे अच्छा समय है जिससे पू री मानवजाति लाभान्वित होगी और यूरोपीय संसद की तर्ज पर स्थापि त विश्व संसद के गठन से विश्व एकता व विश्व शान्ति आयेगी।