महिलाओं और बालिकाओं ने घरेलू हिंसा और यौन अत्याचार जैसे मुद्दों पर जिलाधिकारी से की हक की बात
लखनऊ। महिलाओं व किशोरियों ने बुधवार को अपने जिलाधिकारी से सीधे हक की बात
की। मिशन शक्ति अभियान के तहत हुये इस आयोजन में अधिकांश महिलाओं और
बालिकाओं ने स्थानीय मुद्दों के साथ घरेलू हिंसा और यौन अत्याचार जैसे
मुद्दों पर खुलकर बात की। साथ ही कई सुझाव भी दिये। अधिकारियों ने कई
शिकायतों का निस्तारण तत्काल किया तो कुछ मामलों में आवश्यक निर्देश भी
दिये।
उत्तर प्रदेश में बुधवार का दिन आधी आबादी
के नाम रहा। अधिकांश जिलों में सुबह 10 बजे से 12 बजे के बीच महिलाएं व
किशोरियां ने अपने जिलाधिकारी से रू-ब-रू हुईं। यह आयोजन कुछ जनपदों में
ऑनलाइन तो कहीं ऑफलाइन हुआ। आयोजन के दौरान महिलाओं और किशोरियों ने खुलकर
अपने हक की बात की। कन्नौज में स्थानीय महिला और बालिकाओं ने जिलाधिकारी से
अपनी समस्याएं बताईं। सीधे हक की बात कार्यक्रम में दहेज, आर्थिक समस्याओं
और शिक्षा का मुद्दा भी उठा। वहीं फतेहपुर की डीएम ने वेबनार में शामिल
महिलाओं और महिला कर्मचारियों का हौसला बढ़ाया।
कासगंज की महिलाओं ने कहा कि
इस आयोजन से महिलाओं को अपनी समस्याओं को उचित फोरम पर उठाने का मौका मिला
वहीं हिचक भी दूर हुई। वहीं पोषण और स्वास्थ्य समस्या पर सुनवाई न होने के
सवाल को डीएम ने गंभीरता से लिया और अपने पास सीधे संपर्क करने के लिए
कहा। महराजगंज के डीएम डॉ उज्ज्वल कुमार ने कहा कि महिलाओं तभी सशक्त बन
सकती हैं जब वह स्वावलंबी होंगी। इसके लिए स्वरोजगार अपनाना होगा। विभिन्न
क्षेत्रों में जैसे सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर तथा स्वयं सहायता समूह से
जुड़ कर प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा।
गौरतलब
है कि प्रदेश में महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन के
लिए चलाये जा रहे ‘मिशन शक्ति’ को हर माह अलग थीम पर मनाने की योजना बनी
है। इस माह की थीम- ‘मानसिक स्वास्थ्य तथा मनोसामाजिक मुद्दों से सुरक्षा
और सपोर्ट’ तय की गयी है। महिला कल्याण विभाग ने मिशन शक्ति के तहत बाल
विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के साथ संयुक्त कार्ययोजना बनाकर इसे चलाया
गया है। इससे पहले अभियान के तहत किशोर-किशोरियां स्थानीय अधिकारियों से
‘शक्ति संवाद’ के तहत अपनी बात रख चुके हैं।