योगी सरकार ने सभी जिलों में अटल भू जल योजना को दिया विस्‍तार

 
 
लखनऊ। दुनिया में बढ़ते जल संकट और लगातार घट रहे भू जल स्‍तर के बीच योगी सरकार प्रदेश के लोगों को बड़ी सौगात देने जा रही है। राज्‍य सरकार ने अटल भू जल योजना को विस्‍तार देते हुए प्रदेश भर में लागू कर दिया है। सरकार यूपी के 65 जिलों में अपने दम पर अटल भू जल योजना को संचालित करेगी।
 
प्रदेश में भू जल स्‍तर में सुधार करने के साथ ही सरकार किसानों को योजना के जरिये सबसे बड़ा फायदा देने जा रही है। किसानों को अब कम खर्च में फसलों की अधिक पैदावार मिल सकेगी। राज्‍य सरकार किसानों को कम जल खपत वाले बीजों का वितरण और ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली का प्रशिक्षण दे कर खेती में उनकी लागत कम कर मुनाफा बढ़ाएगी। समय से पहले योजना तैयार कर कोरोना जैसी महामारी को मात देने वाली योगी सरकार अब भविष्‍य में जल संकट से निपटने की तैयारी में जुट गई है। पहले के 10 जिलों के साथ अब अटल भू जल योजना प्रदेश के सभी 75 जिलों में संचालित होगी। योजना के जरिये राज्‍य सरकार पानी की बूंद बूंद संजोने के साथ ही पीने और सिंचाई के लिए पानी के वैकल्पिक स्‍त्रोत भी तलाशेगी। पानी की आवश्‍यकता और भविष्‍य में प्रदेश को जल संकट से बचाने के लिए योगी सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश के सभी 826 विकास खंडों में भू जल स्‍तर को सुधारने और जल संरक्षण और संचयन का काम होगा।
 
योजना के तहत जन सहभागिता के साथ राज्‍य सरकार के अलग अलग विभाग भू जल प्रबंधन के साथ कृषि,पेयजल, औद्योगिक व अन्‍य क्षेत्रों में भू जल,सतही जल के स्‍त्रोतों और उपलब्‍धता का आकलन भी किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्‍तर पर वाटर बजटिंग करते हुए ग्राम पंचायत वाटर सिक्‍योरिटी प्‍लान तैयार किया जाएगा। जिसमें क्षेत्र में पानी की मांग,उपलब्‍धता और विकल्‍प समेत सभी चीजों को शामिल किया जाएगा। इस माडल को विकास खंड स्‍तर पर भी लागू किया जाएगा। नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में 70 फीसदी सिंचाई भू जल पर निर्भर है जबकि पेयजल की 80 फीसदी और औद्योगिक क्षेत्र की 85 फीसदी निर्भरता भू जल पर है। जिसके कारण भू जल स्‍तर में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। भू जल संसाधन के वर्ष 2017 के आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा समय में प्रदेश के 82 विकास खंड अतिदोहित,47 विकास खंड क्रिटिकल और 151 विकास खंड सेमीक्रिटिकल दर्ज किए गए हैं।
 
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2000 में अतिदोहित व क्रिटिकल विकास खंडों की संख्‍या केवल 20 थी,जिसमें अब तक करीब 7 गुना बढ़ोत्‍तरी हो चुकी है। वर्ष 2000 तक भू जल उपलब्‍धता के आधार पर सुरक्षित विकास खंडों की संख्‍या 745 थी जो 2017 में 540 हो चुकी है। वर्ष 2017 में भू जल संसाधन आकलन में पहली बार शहरी क्षेत्रों को शामिल किया गया। इनमें राजधानी लखनऊ समेत अलीगढ़,मुरादाबाद,गाजियाबाद,मेरठ, बरेली,वाराणसी,प्रयागराज और कानपुर अतिदोहित दर्ज किए गए हैं,जबकि आगरा को क्रिटिकल श्रेणी में रखा गया है। भविष्‍य में पानी की चुनौतियों का अंदाजा लगाते हुए योगी सरकार ने इससे निपटने की तैयारी पहले ही शुरू कर दी है। इससे पहले बुंदेलखंड और पश्चिम यूपी के 10 जिलों के 26 विकास खंडों में लागू अटल भू जल योजना का विस्‍तार अब बाकी के 65 जिलों के सभी 800 विकास खंडों में भी कर दिया गया है। राज्‍य सरकार ने योजना पर काम काज का पूरा ब्‍योरा तैयार कर लिया है।

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