‘‘समाजवादी महिला घेरा‘‘ कार्यक्रम का आयोजन कर महिलाओं से सम्बन्धित मुद्दों पर चर्चा करेगी सपा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की प्रथम राज्यपाल एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था। उनके जन्मदिवस को
‘‘राष्ट्रीय महिला दिवस‘‘ के रूप में मनाया जायेगा। समाजवादी पार्टी के
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के
निर्देश पर समाजवादी पार्टी उनके जन्मदिन 13 फरवरी 2021 को महिलाओं के
मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए पार्टी के सभी जिला मुख्यालयों पर
‘‘समाजवादी महिला घेरा‘‘ कार्यक्रम का आयोजन कर महिलाओं से सम्बन्धित
मुद्दों पर विचारगोष्ठी में चर्चा करेगी।
सरोजिनी नायडू ने गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम में कई आंदोलनों का नेतृत्व किया और
जेल भी गईं। वह बहुभाषाविद और अच्छी कवियित्री भी थी। सरोजिनी नायडू ने
लंदन के किंग्स कालेज और कैम्ब्रिज के गिरटन कालेज में अध्ययन किया था।
1925 में उन्हें कानपुर में हुए कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष बनीं और
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद प्रदेश की पहली राज्यपाल भी बनी। उन्होंने अपना
सारा जीवन देश और समाज सेवा के लिए अर्पित कर दिया। उनका निधन 2 मार्च
1949 को हुआ। लखनऊ के हजरतगंज में सरोजिनी नायडू पार्क में उनकी मूर्ति
स्थापित है।
महिलाओं की भाजपा सरकार में बड़ी दुर्दशा हुई हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराध और बलात्कार की घटनाएं बढ़ी है। महिला स्वास्थ्य
सेवाओं में कमी की वजह से प्रसूति सेवाओं में कमी और पोषण की समस्या भी
पैदा हुई है। शिक्षिका, आशा-आंगनबाड़ी और अन्य नौकरियों में वेतन विसंगति के
साथ गरीब निराश्रित महिलाओं के पेंशन की भी समस्या है। बैंकों में घटती
ब्याज दर से घरेलू बचत को प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। महिलाओं की घरेलू
अर्थ व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है। शिक्षा और राजनीति में महिलाओं
की उपेक्षा चिंताजनक है।
अखिलेश यादव ने अपने
मुख्यमंत्रित्वकाल में समाजवादी सरकार के कार्यकाल में महिला हेल्पलाइन 181
तथा महिला पावर लाइन 1090 की व्यवस्था की गई थी। हेल्प लाइन 181 से
प्रसूताओं को अस्पताल लाने ले जाने की सुविधा थी जबकि 1090 सेवा महिलाओं से
सम्बन्धित अपराध नियंत्रण में सहायक थी। प्रत्येक जनपद में
समाजवादी पार्टी जिला मुख्यालयों में 13 फरवरी 2021 को ‘समाजवादी महिला
घेरा‘ का आयोजन कर महिलाओं द्वारा भाजपा सरकार से मुक्ति का संकल्प लिया
जाएगा। समाजवादी पार्टी का यह भी आव्हान है कि सन् 2022 में अखिलेश
यादव को मुख्यमंत्री बनाने के अभियान में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है।