कमीं निकालना बड़ी बात नहीं अपितु उस कार्य को स्वयं करके दिखाना ये बड़ी बात है

 
किसी के कार्यों का मूल्यांकन करना बड़ा ही आसान है मगर उन कार्यों का स्वयं करना बड़ा ही कठिन है। हमारी सबसे बड़ी समस्या यह है कि दूसरों के द्वारा किये गए कार्यों से हमें संतुष्टि नहीं होते और स्वयं हम कार्य करना नहीं चाहते। किसी के भी कार्य को हम बड़ी आसानी से नकार देते हैं कि यह कार्य ऐसे नहीं होना चाहिए था। इसे ऐसे ढंग से करते तो और अच्छा होता।
 
अक्सर हम जिन्दगी में इसलिए पिछड़ जाते हैं क्योंकि दूसरों की जिन्दगी में दखल देने में इतने व्यस्त रहते हैं कि अपनी जिन्दगी को आगे ले जाने का और उसके बारे में सोचने का वक्त ही नहीं बचता। कमीं निकालना बड़ी बात नहीं अपितु उस कार्य को स्वयं करके दिखाना या उसमे सहयोग करना ये बड़ी बात है। कभी भी किसी व्यक्ति का आकलन करने से पूर्व और आलोचना करने से पूर्व यह जरूर सोच लेना क्या आप स्वय में परिपूर्ण हैं?

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