औद्योगिक विकास से संबंधित समस्त नीतियों को एक माह में दिया जाए अंतिम रूप- मुख्य सचिव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के
मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग
के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि औद्योगिक विकास से संबंधित समस्त
नीतियों तथा लंबित महत्वपूर्ण निर्णयों को एक माह के भीतर अंतिम रूप प्रदान
कर दिया जाए।
मुख्य सचिव, जिनके पास
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त का प्रभार भी है, आज लोकभवन स्थित
सभागार में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के विभिन्न अनुभागों
के मध्य बेहतर समन्वय एवं कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के
उद्देश्य से ‘इन्वेस्ट यूपी’ पोर्टल में एक आॅनलाइन माॅड्यूल विकसित किया
जाए। उक्त आॅनलाइन व्यवस्था के
अन्तर्गत् समस्त अधिकारियों द्वारा लंबित तथा महत्वपूर्ण कार्यों की सूची
अपलोड की जाएगी, जिसमें निवेशकों तथा नीतियों से संबंधित महत्वपूर्ण
प्रकरणों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने को प्रमुखता दी जाएगी तथा की गई
कार्यवाही को प्रतिदिन अपडेट किया जाएगा। इस पर सभी नोडल अधिकारियों का
विवरण भी अपलोड किया जाएगा।
उन्होंने
निर्देशित किया कि विभाग में भौतिक पत्रावली प्रचालन को बन्द कर आॅनलाइन
ई-आॅफिस व्यवस्था प्रारम्भ की जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सप्ताह
शुक्रवार को अपर मुख्य सचिव के स्तर पर विभागीय कार्यों की प्रगति की
समीक्षा की जाए, जिसमें समय-समय पर वे स्वयं अध्यक्षता करेंगे। जिसमें
नीतियों, निवेश प्रस्तावों एवं निवेशकों के प्रकरणों के समाधान हेतु
निर्णयों के अनुपालन को सम्मिलित करते हुए उद्यमियों के प्रकरणों के
निस्तारण के पश्चात् अविलंब उनको सूचित करना सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य
सचिव ने निर्देशित किया कि निवेश प्रस्तावों के संबंध में उद्यमियों एवं
निवेशकों से नियमित, सप्ताह में कम-से-कम एक बार, संवाद सुनिश्चित किया जाए
तथा जनपदों में उद्योगों की समस्याओं के समाधान हेतु मुख्य विकास
अधिकारियों (सीडीओ) को भी नोडल अधिकारी नामित किया जा सकता है।