गेहूँ क्रय की अवधि सम्पूर्ण प्रदेश में 01 अप्रैल से 15 जून तक निर्धारित

लखनऊ। रबी विपणन वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत प्रदेश में किसानो से सीधे गेहॅू की खरीद 01 अप्रैल, 2021 से प्रारम्भ होगी। इस वर्ष गेहॅू का समर्थन मूल्य 1975 रू0 प्रति कुं0 निर्धारित किया गया है। गेहूँ की बिक्री हेतु किसानों को खाद्य तथा रसद विभाग की वेबसाइट fcs.up.gov.in पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। गेहूँ क्रय की अवधि सम्पूर्ण प्रदेश में 01 अप्रैल, 2021 से 15 जून, 2021 तक है। क्रय केन्द्र प्रातः 09ः00 से सायं 06ः00 बजे तक संचालित रहेगें।
 
यह जानकारी प्रदेश के खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने आज यहां देते हुए बताया कि इस वर्ष खाद्य विभाग व अन्य क्रय एजेंसियों कुल 6000 क्रय केन्द्र प्रस्तावित है, जिसमें खाद्य विभाग के विपणन शाखा के 1100, उत्तर प्रदेश के राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के 300, उत्तर प्रदेश राज्य खाद्य आवश्यक वस्तु निगम (एस0एफ0सी0), के 200, उत्तर प्रदेश सहकारी संद्य (पी0सी0एफ0), के 3500, उत्तर प्रदेश को-आॅपरेटिव यूनियन (यू0पी0पी0सी0यू0), के 500, उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (यू0पी0एस0एस0) के 250 एवं भारतीय खाद्य निगम के 150 क्रय केन्द्र स्थापित होने है।
 
चौहान ने बताया कि 01 मार्च, 2021 से किसानों का पंजीकरण प्रारम्भ हो गया है। किसान स्वयं अथवा साइबर कैफे व जन-सुविधा केन्द्र के माध्यम से पंजीकरण करा सकते है। जिन किसानों द्वारा धान खरीद 2020-21 के अन्तर्गत पंजीकरण कराया गया है, उनको दोबारा पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है। केवल उसी विवरण को आवश्यकतानुसार संशोधन कर पुनः लाॅक कराना होगा। खाद्य आयुक्त ने बताया किसानों की सुविधा के लिए इस वर्ष आॅनलाईन टोकन की व्यवस्था की गयी है, जिसके अन्तर्गत किसान अपनी सुविधा के अनुसार गेहूँ क्रय केन्द्र पर गेहूँ की बिक्री हेतु टोकन स्वयं प्राप्त कर सकेगें। उन्होंने बताया कि सरकारी गेहूँ क्रय केन्द्रों पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानक के अनुसार ही गेहूँ की खरीद की जाती है।
 
उन्होंने किसानों से अपील है कि गेहूँ की अच्छे तरीके से साफ-सफाई करते हुये मानक के अनुरूप गेहूँ सरकारी क्रय केन्द्रों पर बिक्री हेतु लाये, ताकि बिक्री के समय असुविधा न हो। खाद्य आयुक्त ने बताया कि कृषक का गेहूँ यदि केन्द्र प्रभारी द्वारा अस्वीकृत कर दिया जाता है तो कृषक तहसील स्तर पर कार्यरत क्षेत्रीय विपणन अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष अपील कर सकता है। उन्होंने बताया कि 100 कुन्तल से अधिक गेहूँ की मात्रा होने पर, चकबन्दी अन्तर्गत गाँव तथा बटाईदारों का उपजिलाधिकारी द्वारा सत्यापन किया जायेगा, सत्यापन के उपरान्त ही गेहूँ क्रय किया जायेगा।
 
खाद्य आयुक्त ने बताया कि गेहूँ के मूल्य का भुगतान पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खाते में प्रेषित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि क्रय केन्द्रों की रिमोट सेसिंग एप्लीकेशन सेंटर के माध्यम से जियो टैगिंग की जा रही है जिसके माध्यम से किसानों को क्रय केन्द्र की लोकेशन व पते की जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होगी।

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