उच्च शिक्षण संस्थान में शारीरिक शिक्षा और खेल का अनिवार्य रूप से लागू करने की आवश्यकता- प्रो0 गोपाल कृष्ण दुबे

लखनऊ प्रो0 अनिल शुक्ला पूर्व कुलपति, एम0जे0पी0 रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली ने कहा कि शारीरिक शिक्षा और खेल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का मुख्य अंग है। उन्होंने नई शिक्षा नीति में शारीरिक शिक्षा की बढती महत्ता को बताते हुए कहा कि युवा शक्ति के सर्वांगीण विकास के बिना क्षेत्र एवं देश को आगे नही बढाया जा सकता हैं।
 
प्रो0 अनिल शुक्ला ने यह विचार आज यहां पं0 दीनदयाल उपाध्याय राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजाजीपुरम, लखनऊ में शारीरिक शिक्षा और खेल: वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र के अवसर पर व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि शारीरिक शिक्षा और खेल: वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाओ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ कल दिनांक 16 मार्च को उच्च शिक्षा राज्यमंत्री माननीय नीलिमा कटियार जी द्वारा किया गया। राज्य मंत्री उच्च शिक्षा ने उद्घाटन के अवसर पर शारीरिक शिक्षा एवं खेल की महत्ता को "खेलोगे पढोगे तो बनोगे नवाब" के सत वाक्य को ध्येय मनाते हुए वर्तमान समय में शिक्षा के बहुआयामी प्रतिबिम्ब को रेखांकित किया।
 
  
संगोष्ठी के समापन के अवसर पर प्रो0 गोपाल कृष्ण दुबे द्वारा शारीरिक शिक्षा की आवश्यकता को सभी संस्थानों में आवश्यक बताते हुए उच्च शिक्षण संस्थान में शारीरिक शिक्षा और खेल का अनिवार्य रूप से लागू करने की आवश्यकता बताई गई। डॉ0 शीलधर दुबे आयोजन सचिव ने राष्ट्रीय संगोष्ठी के दो दिन की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुती की तथा राष्ट्रीय संगोष्ठी की उपादेयता और सामाजिक सरोकार की महत्ता को व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 प्रियंका शर्मा द्वारा किया गया। दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के प्रथम दिन 50 से अधिक शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया गया जबकि राष्ट्रीय संगोष्ठी के द्वितीय दिन देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये शिक्षक एवं शोध छात्रों द्वारा 100 से अधिक शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया गया।
 
संगोष्ठी में मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, छत्तीसगढ, उत्तराखण्ड और प्रदेश के विभिन्न जनपदों से 300 से अधिक प्रतिभागियों द्वारा सहभागिता की गई। जिसमें मुख्य रूप से प्रो0 जोजफ सिंह, प्रो0 राजकुमार शर्मा, प्रो0 नीबू के० कृष्ण, प्रो0 दीपक शर्मा, प्रो0 अखिलेश कुमार सक्सेना, प्रो0 एम0एम0 शर्मा, डा0 अखिलेख कुमार, डा0 प्रियंका शर्मा, डा0 अमितेन्द्र सिंह, डा0 प्रज्ञा मिश्रा, डा0 रिचा पाण्डेय, डा0 मनोज यादव, डा0 साधना सिंह यादव, डा0 सौरभ कुमार सिंह द्वारा प्रतिभाग किया गया।

Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें