कोविड-19 पर एनआईएससीएआईआर द्वारा नीति संवाद का किया आयोजन
एनआईएससीएआईआर ने “कोविड-19
टीकाकरण में आत्मनिर्भरता से वैश्विक नेतृत्व की ओर: अवसर, चुनौतियाँ, और
कोविड काल में नीतियों की आवश्यकता” विषय पर संयुक्त रूप से एक आधे दिन के
सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का
उत्सव मनाने और महामारी के दौरान कोविड-19 के स्वदेशी टीका विकसित करने की
यात्रा पर जाने-माने व्यक्तियों के संभाषण के लिए किया गया था।
इस आयोजन
में उपलब्ध अवसरों, टीका विकास के सामने आई चुनौतियों और न सिर्फ कोविड
टीके में बल्कि सामान्य टीका उपलब्ध कराने में विश्व का अग्रणी देश बनने के
लिए आवश्यक नीतियाँ तैयार करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया। इस आयोजन में अकादमिक जगत के अलावा युवा शोधकर्ताओं,
पेशेवरों और छात्रों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया। सीएसआईआर-एनआईएसटीएडीएस और सीएसआईआर-एनआईएससीएआईआर कोविड-19 महामारी से संबन्धित मुद्दों पर पिछले एक वर्ष में व्याख्यान श्रृंखलाओं,
सम्मेलनों, बैठकों का सक्रिय रूप से आयोजन करने के साथ-साथ विभिन्न
लोकप्रिय लेखों के प्रकाशन और प्रसार में भी लगा हुआ है।
सीएसआईआर-एनआईएसटीएडीएस को पिछले 25 वर्षों में टीके से जुड़ी एसटीएस नीतिगत
अनुसंधान के लिए जाना जाता है जिसकी मान्यता राष्ट्रीय ही नहीं
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी है। लॉकडाउन के बाद हमने भारत के लिए कोविड-19
की चुनौतियां और अवसर पर केंद्रित नीति दस्तावेज विकसित करने के लिए
सामूहिक रूप से एक श्रृंखला की योजना बनाई, जो इस दिशा में सरकार द्वारा
किए जा रहे प्रयासों को सशक्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह केंद्रित नीति दस्तावेज सामने लाने में
भी मददगार होगा। सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ शेखर सी मांडे ने उल्लेख किया कि सीएसआईआर कोविड-19
से जुड़ी चुनौतियों को कम करने के लिए रणनीति पर सक्रियता से काम करता रहा
है।
उन्होंने कहा कि सीएसआईआर की प्रयोगशाला भारतीय रसायन प्रौद्योगिकी
संस्थान (आईआईसीटी) हैदराबाद ने भारत बायोटेक को टीके के विकास के लिए
सहायक की भूमिका अदा की। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री ने
जो टीका लगवाया है वह सीएसआईआर की सहायता से तैयार किया गया है। डॉक्टर शैलजा वैद्य गुप्ता ने एडेलमैं ट्रस्ट बैरोमीटर
2021 का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीयों में भारत के कोविड-19 टीके के
प्रति सबसे अधिक विश्वास है। उन्होंने कहा कि टीके के प्रति विश्वास
निर्माण में देश के निजी क्षेत्र और सरकारी क्षेत्र को भारतीयों से अच्छी
प्रतिक्रिया मिली है। डॉ गुप्ता ने सुझाव दिया कि सरकार को इस विश्वास को
और व्यापक करने के लिए पारदर्शी तंत्र निर्मित करना चाहिए और पब्लिक डोमेन
में उपलब्ध आंकड़ों तक पहुंच को और बेहतर करना चाहिए तथा टीका नियामक
प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण करना चाहिए।
डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कोविड-19 के विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि किसी महामारी का अंत तभी हो सकता है जब लोगों में प्रतिरक्षा तंत्र विकसित हो जाए। अगर आपको लंबे समय तक अपने प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत रखना है तो आपको टीका लगवाना ही होगा। इस कार्यक्रम का संचालन एनआईएसटीएडीएस की वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ वाई माधवी ने किया। विशेषज्ञों ने वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल श्रोताओं और दर्शकों के भी विभिन्न प्रश्नों के उत्तर दिए जिसमें जीव विज्ञान से लेकर टीके की सुरक्षा से जुड़े प्रश्न शामिल थे। सीएसआईआर-एनआईएससीएआईआर के डॉक्टर परमानंद बर्मन ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। डॉक्टर एनके प्रसन्ना ने आयोजन के संबंध में में सहायक की भूमिका अदा की।