योगी सरकार के 4 वर्ष पूरे होने पर जनता की तरफ से अजय कुमार लल्लू ने किया रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार
पिछले एक वर्ष में प्रत्येक किसान की आय में 17 प्रतिशत की कमी आई है।
प्रत्येक किसान पर एक लाख रूपये का कर्ज बढ़ा है। हमारे ही प्रदेश
में सबसे अधिक 8447 करोड़ रूपये गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर भुगतान
बकाया है जो देश में सर्वाधिक है। 2016-17 के मुकाबले जबसे योगी सरकार
सत्ता में आयी है गन्ना मूल्य का न्यूनतम समर्थन मूल्य न के बराबर बढ़ी है। फसल बीमा में प्रदेश में बीमित किसानों में प्राकृतिक आपदा और अन्य
दुश्वारियां होने के बावजूद सरकार ने विधानसभा में स्वीकार किया कि 10
प्रतिशत किसानों को भी फसल बीमा का लाभ नहीं मिल पाया है।
भाजपा ने अपने लोकसंकल्प पत्र में 70 लाख रोजगार देने का वादा किया था
किन्तु चार वर्ष के बाद सरकार 4 लाख रोजगार देने का झूठा वादा कर रही है।
उ0प्र0 में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है लाखों युवा प्रति वर्ष बेरोजगार हो
रहे हैं। रोजगार उपलब्ध कराने वाला एमएसएमई सेक्टर बदहाली के हालात में है।
हजारों एमएसएमई बन्द हो चुके हैं। सरकार एमएसएमई सेक्टर को प्रत्यक्ष
सब्सिडी देने के बजाए पहले से ही कर्ज में डूबे होने के बावजूद कर्ज का
लालीपाप दे रही है। प्रदेश के सरकारी विभागों में 5 लाख से अधिक पद रिक्त
हैं। प्रदेश में हर रोज 3 बेरोजगार आत्महत्या करने को विवश हैं। चार साल-शिक्षा बदहाल। उ0प्र0 में शिक्षा का स्तर लगातार बदतर होता जा
रहा है। अभिभावक प्राइवेट संस्थानों में मंहगी शिक्षा के लिए विवश हैं।
अपराध के मामले में महिला अपराध में लखनऊ देश के तीसरे नम्बर पर और प्रदेश में पहले स्थान पर है। वहीं देश के टाप 30 शहरों में उ0प्र0 के 5 शहर शामिल हैं जिसमें राजधानी लखनऊ नम्बर एक पर है। दो नम्बर पर प्रयागराज, तीन नम्बर पर आगरा, चार नम्बर पर कानपुर और पांच नम्बर पर अलीगढ़ है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं का नारा गढ़ने वाली तथा एण्टी रोमियो और मिशन शक्ति अभियान का ढोंग करने वाली भाजपा सरकार में लगातार महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटनाओं ने लगातार प्रदेश को शर्मशार किया है। सरकार का रवैया दोषियों को सजा देने के बजाय उनको संरक्षण देने का रहा है।
विधान परिषद में सरकार ने स्वीकार किया कि पिछले 2018-19 के मुकाबले जो प्रदेश की विकास दर 6.3प्रतिशत थी वह अब घटकर मात्र 3.8 प्रतिशत हो गई है। लोकसभा में सरकार द्वारा दिये गये आंकड़े के अनुसार 68 हजार उद्योग बन्द हुए हैं जिसमें 10 प्रतिशत अकेले उ0प्र0 से हैं। चमड़ा, प्लास्टिक, कपड़ा, आईटी, कालीन, बुनकरी, जरदोजी, पीतल, चूड़ी आदि उद्योग योगी सरकार की गलत नीतियों के चलते बर्बाद हो गए। लखनऊ का चिकन, जरी बर्बाद होने की कगार पर है। कानपुर के होजरी उद्योग से 3 हजार लोगों की छुट्टी हो गई। वहीं कानपुर की 56 लोहे(स्टील) की इण्डस्ट्री में से मात्र 3 चालू हालत में बची है। उ0प्र0 के मेरठ, सहारनपुर, अलीगढ़, आगरा, बुलन्दशहर, खुर्जा, बनारस, मिर्जापुर जैसे औद्योगिक केन्द्रों के कारीगरों की हालत सबसे खराब है।
भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेन्स की बात करने वाली योगी सरकार ने चार साल तक प्रदेश को लगातार घोटालों की सरकार में तब्दील कर दिया। बिजली विभाग का डीएसएफएल घोटाला, स्मार्ट मीटर घोटाला, एलडीए घोटाला, पंचायतीराज ग्रान्ट घोटाला, जूता-मोजा घोटाला, होमगार्ड वेतन घोटाला, पशुपालन विभाग घोटाला- (नमक घोटाला, चारा घोटाला), पीपीई किट घोटाला, 69 हजार शिक्षक घोटाला, लोकसेवा आयोग 2018 का पेपर लीक घेाटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, यूरिया घोटाला, फसल बीमा घोटाला सहित सैंकड़ों घोटाले योगी सरकार के चार साल के कार्यकाल में सामने आ चुके हैं। जबसे भाजपा आई है-कमरतोड़ मंहगाई है। सरकार द्वारा घोषित पिछले सप्ताह जारी आंकड़े के अनुसार इस समय थोक मंहगाई सूचकांक 4.7 है जो 27 महीने का सबसे बुरा दौर है।
मंहगाई का आलम यह है कि आम आदमी की जरूरत का कोई भी सामान जनता की पहुंच से बाहर हो चुका है चाहे लगातार रसोई गैस की बढ़ रही कीमतों के कारण (जो अब लगभग 900 रूपये प्रति सिलेण्डर) आम आदमी की पहुंच से बाहर होता जा रहा है वहीं पेट्रोल और डीजल आजादी के बाद ऐतिहासिक ऊंचाई पर 100 रूपये प्रति लीटर पहुंचने वाला है। वहीं खाद्य पदार्थ एवं आवश्यक वस्तुओं की कीमत आसमान छू रही है। चाहे वह खाद्य तेल हो, दाल, अनाज, सब्जियां या फल। विद्युत मूल्य देश के मुकाबले उ0प्र0 में सबसे ज्यादा है चाहे वह सिंचाई के लिए उपयोग में आने वाले पम्प हों या औद्योगिक विकास या घरेलू बिजली हो। इतने मंहगे दर पर विद्युत बिल का भुगतान करना आम आदमी के लिए बहुत कठिनाईपूर्ण है।