मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्रस्तावित ’’यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट आॅफ फारेसिंक साइंसेज’’ के तहत किये जाने वाले कार्यो में तेजी लाने के दिये निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में नवनिर्मित होने वाले ’’यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट आॅफ फारेसिंक साइंसेज लखनऊ’’ के तहत किये जाने वाले कार्यो में तेजी लायी गयी है। इस कड़ी में भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सहयोग से डी0एन0ए0 विश्लेषण के क्षेत्र में ’’सेन्टर आफ एक्सीलेंस’’ की स्थापना की जानी है।

अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी एवं पुलिस महानिदेशक, हितेश चन्द्र अवस्थी के संयुक्त तत्वाधान में आज लोक भवन स्थित कमाण्ड सेण्टर में इस संबंध में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित हुई। बैठक में उ0प्र0 इंस्टीट्यूट आॅफ फारेंसिक साइंस लखनऊ के परिसर में राष्ट्रीय न्यायालियक विज्ञान विश्वविद्यालय (एन0एफ0एस0यू0) गांधीनगर से सेंटर आॅफ एक्सीलेंस डीएनए विश्लेषण के क्षेत्र में स्थापित किये जाने के बारे में गहन विचार विमर्श किया गया। नेशनल फांरेसिक साइस यूनिवर्सिटी (एन0एफ0एस0यू0) के कैम्पस डायरेक्टर डा0 एस0 ओ0 जुनारे की टीम द्वारा प्रस्तावित प्रदेश में डीएनए के क्षेत्र में स्थापित किये जाने वाले सेन्टर आफ एक्सीलेंस से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर वृहत प्रस्तुतीकरण दिया गया है।

इस कार्य में एन0एफ0एस0यू0 के सहयोग से वांछित मार्गदर्शन प्राप्त कर विस्तृत प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने का निर्णय लिया गया है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में प्रस्तावित ’’यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट आॅफ फारेसिंक साइंसेज लखनऊ’’ के तहत ’’सेन्टर आफ एक्सीलेंस’’ की स्थापना की जानी है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश पुलिस एवं फांरेसिक सांइस विश्वविद्यालय के नाम से 50 एकड़ भूमि का आवंटन ग्राम पीपरसण्ड परगना बिजनौर तहसील सरोजनी नगर, लखनऊ में किया गया है जिसमे से लगभग 5 एकड़ भूमि पर सेन्टर आफ एक्सीलेंस की स्थापना हेतु प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। सेन्टर आफ एक्सीलेंस के स्वरूप, वांछित उपकरण, बिल्डिंग निर्माण से संबंधी प्लान, वांछित पद आदि विभिन्न बिन्दुओं पर बैठक में विचार विमर्श किया गया।

डीएनए विश्लेषण के क्षेत्र में स्थापित किये जाने वाला यह सेन्टर आफ एक्सीलेंस अपने आप में देश में अनूठा होगा। इसके निर्माण से उत्तर प्रदेश में डीएनए परीक्षण की आधुनिकतम तकनीकी एवं अनुसंधान को विकसित करने, उसके गुणवत्ता प्रबन्धन संरचना एवं दक्षता परीक्षण कार्यक्रम की सुविधा विकसित करने, पाक्सों एक्ट संबंधी मामलो के समय पर निस्तारण हेतु जन शक्ति तैयार करने, वैज्ञानिक समुदाय में आधुनिक उपकरणीय विश्लेषण में भिज्ञता एवं विशेषज्ञता स्थापित करने में सहायता मिलेगी।

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