क्षय रोग के उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत- मुख्यमंत्री

सीतापुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि क्षय रोग के उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयास किये जाने की जरूरत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में सम्मिलित प्रयास से ही प्रदेश को कोरोना प्रबन्धन में सफलता प्राप्त हुई। सामूहिक प्रयास तथा अन्तर्विभागीय समन्वय के माध्यम से पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित राज्य के जे0ई0/ए0ई0एस0 से प्रभावित 38 जनपदों में इस बीमारी पर नियंत्रण में सफलता मिली। सामूहिकता का परिचय देने से पोलियो उन्मूलन अभियान सफल हुआ।
 
कार्याें के सफलतापूर्वक सम्पादन में सामूहिकता की ताकत की महत्वपूर्ण भूमिका है। सामूहिक रूप से अभियान चलाकर प्रयास करने से सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। मुख्यमंत्री आज जनपद सीतापुर में विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में जनपद गोरखपुर एवं जनपद मेरठ में एल0पी0ए0 लैब, जनपद गोरखपुर में नव स्थापित आर0टी0पी0एम0यू0 का डिजिटल शुभारम्भ किया। 
 
उन्होंने विभिन्न जनपदों में स्थापित 451 ट्रू-नेट मशीनों तथा 25 डिजिटल एक्स-रे मशीनों का डिजिटल लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री द्वारा 21 जनपदों में औषधियों के भण्डारण एवं रख-रखाव हेतु ड्रग वेयर हाउस का शिलान्यास किया गया। उन्होंने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 05 जनपदों रामपुर, सोनभद्र, महाराजगंज, चन्दौली एवं उन्नाव को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व क्षय रोग दिवस पूरी दुनिया में क्षय रोग से ग्रसित व्यक्तियों को इससे मुक्त करने के अभियान को एक नई गति देने का दिवस है। वर्ष 1882 में पहली बार टी0बी0 के जीवाणु की पहचान हुई, लेकिन इतने वर्षों के बाद भी अब तक दुनिया को इस रोग से मुक्त नहीं किया जा सका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के सामने वर्ष 2030 तक दुनिया को क्षय रोग (टी0बी0) से मुक्त किये जाने का लक्ष्य रखा है।
 
सार्थक प्रयासों से हमने पोलियो जैसी कई बीमारियों से निजात पायी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दृष्टि से एक अभियान प्रारम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष, 2021 में राज्य में टी0बी0 के मरीजों की संख्या में कमी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि टी0बी0 के मरीज के लिये सबसे महत्वपूर्ण बात समयबद्ध ढंग से नियमित उपचार उपलब्ध कराना है। टी0बी0 उन्मूलन अभियान में स्वास्थ्य विभाग सहित सभी विभागों को सम्मिलित रूप से प्रयास करना होगा, तभी प्रधानमंत्री के संकल्प के अनुसार वर्ष 2025 तक देश को टी0बी0 से मुक्त करने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि टी0बी0 की बीमारी का उपचार एकदम मुफ्त है। शासन की ओर से उपचार की अवधि में पौष्टिक आहार लेने के लिये 500 रुपये प्रतिमाह की व्यवस्था है।
 
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं जनप्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वह एक-एक टी0बी0 के मरीज को गोद लेकर उसके उपचार की निरन्तरता तथा मिल रही शासकीय सहायता की जानकारी लेते रहें। इससे क्षय रोग का मरीज जल्द ही बीमारी से मुक्त हो सकेगा। क्षय रोग के मरीज के उपचार का क्रम बीच में टूटने से बीमारी की गम्भीरता बढ़ सकती है। किसी भी व्यक्ति की नियमित और संयमित दिनचर्या उस व्यक्ति को तमाम प्रकार की बीमारियों से मुक्त कर सकती है। अगर किसी व्यक्ति को बीमारी हो जाती है तो उसके प्रति भेदभाव नहीं होना चाहिए, बल्कि उसके साथ सहानुभूति रखते हुए शासन की योजनाओं से जोड़ा जाना चाहिए। वर्तमान केन्द्र व राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से व्यापक स्तर पर संसाधन उपलब्ध करा रही है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित तराई के जनपदों में 38 जनपद जे0ई0 से ग्रसित थे। इन 38 जनपदों में 40-45 वर्षों से प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में मौतें हो रही थीं। वर्ष 2017 से वर्तमान राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार, यूनीसेफ, डब्लू0एच0ओ0 आदि संस्थाओं के साथ मिलकर एक अभियान चलाया। अभियान के परिणामस्वरूप इंसेफेलाइटिस की बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण प्राप्त करने में सफलता मिली। कोरोना से बचाव के लिये निरन्तर सावधानी बरतने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन आने का मतलब यह नहीं है कि हम लापरवाह हो जायें। कोरोना के प्रति अभी भी सतर्कता बरतने की जरूरत है।
 
आज लोकार्पित की गयी योजनाएं एवं शिलान्यास की गयी योजनाओं से स्वास्थ्य सेवाओं में निश्चित रूप से प्रभावी सुधार आएगा तथा भविष्य में यह अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होंगी। कार्यक्रम को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह ने भी सम्बोधित किया। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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