'व्यक्ति' महत्वपूर्ण नहीं होता 'समय' महत्वपूर्ण होता है


यह बंग्लादेश की तस्वीर है। जहाँ भारत का यह बुजुर्ग प्रधानमंत्री चुपचाप बदलते युग की तस्वीर बना बैठा है। हाथ जोड़ कर, नतमस्तक हो कर...भारत के इस हिस्से को अलग करने के लिए डायरेक्ट एक्शन के नाम पर कभी जिन्ना ने लाखों हिन्दुओं को निर्दयता से मरवा दिया था, और असंख्य माताओं के साथ क्रूरतम अत्याचार किया था। यह वही बंग्लादेश है, जहाँ महीने भर पहले ही हिन्दुओं के एक पूरे गाँव को फूँक दिया गया था।

वही बंग्लादेश जहाँ 1992 में हिन्दुओं के साथ एक बार फिर 1947 वाली क्रूर कहानी दुहराई गयी थी। जिस बंगलादेश से अब तक केवल मन्दिर तोड़े जाने तोड़े की खबर आती थी, आज उसी भूभाग पर हमारे घर का यह बुजुर्ग चुपचाप माँ तारा की पूजा कर रहा है। इस खबर का अर्थ समझ रहे हैं आप? युग इसी तरह बदलता है। आप महसूस कर सकते हों तो महसूस कीजिये इस बदलाव को, मैं सुन पा रहा हूँ उस मंदिर में गाये जा रहे मन्त्रों की ध्वनि! भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भुतिकृते, जय जय हे महिषासुर मर्दिनी रम्यकपर्दिनि शैलसुते... आप उसको झूठा कहिये, निकम्मा कहिये, गाली दीजिये, कोई फर्क नहीं पड़ता। वह इन सब बातों से बहुत ऊपर खड़ा है। सच यह है कि यह दाढ़ी वाला व्यक्ति इतिहास बना रहा है। मैं हमेशा कहता हूँ, व्यक्ति महत्वपूर्ण नहीं होता! महत्वपूर्ण होता है समय।

वही अपने हिसाब से अपना नायक चुनता है, इस समय उसने मोदी को चुना है। वह हर खेला खेल कर जाएगा जो समय खेलना चाहता है। आप उसे पेट्रोल डीजल के मूल्यों में तौलिये, मैं जब उसे उसके कालखण्ड में हुए ऐतिहासिक परिवर्तनों में ढूंढता हूँ तो वह महानायक दिखता है। वो मुझे दिखता है राम मंदिर की पहली ईंट रखते हुए, माथे पर भभूत लपेट कर काशी में घूमते हुए, सुदूर सऊदी अरब में राम राम कहते हुए, बंग्लादेश में माँ अर्चना करते हुए... हाँ जी! मेरे लिए धर्म महत्वपूर्ण है, केवल और केवल धर्म... सम्पन्नता के मोह को तो मेरे पूर्वजों ने पैर की धूल बराबर भी नहीं समझा था। लोभ को बार बार लात मार कर निर्जन वन में रहने वाले तपस्वियों के वंशज यदि क्षणिक कष्टों से डिग गए होते तो भारत भारत नहीं होता...

देखते रहिये! यह परिवर्तन का कालखण्ड है। सनातन के वैश्विक पुनरुत्थान का कालखण्ड, एक सुंदर भारत के निर्माण का कालखण्ड... मोदी केवल इसलिए महत्वपूर्ण नहीं कि वे धर्मकार्य कर रहे हैं, वे इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं कि वे भविष्य के प्रधानमंत्रियों के लिए धर्मकार्य करने की प्रेरणा रहेंगे। उनके बाद का शासक उनके पूर्ववर्तियों की तरह कभी तिलक लगाने से नहीं झिझकेगा।
खुश होइए! समय की ओर से यह आपके लिए होली का गिफ्ट है... हर हर महादेव!


सर्वेश तिवारी श्रीमुख

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