सपा के कामों का नाम बदलने के अलावा कुछ नहीं किया है भाजपा ने- पूर्व मुख्यमंत्री
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि सिद्धांततः भाजपा और कांग्रेस का रास्ता एक है।
भाजपा कांग्रेस की ज्यादा नकल कर रही है। समाजवादी पार्टी का रास्ता दोनों
से अलग है। भाजपा ने उत्तर प्रदेश की जनता को बहुत निराश किया है। लोग अब
समाजवादी पार्टी की तरफ उम्मीदों भरी नज़रों से देख रहे है।
समय में
बहुत बदलाव आया है। बड़े दलों से काफी अनुभव हुए हैं। समाजवादी पार्टी
सन् 2022 के विधानसभा चुनाव में अब अकेले मैदान में उतरेगी। समाजवादी पार्टी
छोटे दलों को साथ लेकर चुनाव लड़ेगी। वह विकास, खुशहाली, रोजगार, न्याय और
सम्मान को चुनावी मुद्दा बनाएगी। जनता जानती है कि समाजवादी पार्टी की
सरकार ने ईमानदारी से काम किया था। समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी तो
किसान, नौजवान सहित समाज के सभी वर्गो के हितों की पूर्ति होगी। महिलाओं को
सुरक्षा मिलेगी। भाजपा सरकार के प्रदेश में पांच साल पूरे होने को
है। इसके 5 बजट आ चुके हैं। भाजपा ने जो चुनावी संकल्प पत्र जारी किया था,
उसमें किए गए वादे भी पूरे नहीं हुए है।
चार साल में भाजपा सरकार ने
समाजवादी पार्टी के कामों का नाम बदलने के अलावा कुछ नहीं किया। दरअसल,
भाजपा के पास विकास का विजन ही नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में
समाजवादी पार्टी ने जो काम किए थे भाजपा ने सिर्फ उन योजनाओं के नाम बदलना
ही सीखा है। उत्तर प्रदेश विकास के क्षेत्र में पीछे चला गया हैं। वैश्विक बीमारी कोविड-19 के दौर में भी भाजपा सरकार का कामकाम असंतोष जनक
रहा। जांच और इलाज में कोताही बरती गई। श्रमिक पलायन की गम्भीर स्थिति रही।
90 श्रमिकों की इस दौर में मौंते हुई। राज्य सरकार के कई मंत्री कोविड
संक्रमण में जान चली गयी। लाकडाउन में शिक्षा संस्थान बंद हो गए, कारोबार
ठप्प हो गए। बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां छूट गई। भाजपा सरकार डेढ़
करोड़ नौकरी देने की बात करती है परन्तु उसके आंकड़े नहीं देती है।
भाजपा की आदत है कि वह जानबूझकर बुनियादी मुद्दों पर बहस नहीं करना चाहती
है। भाजपा राज में प्रदेश में कानून व्यवस्था की बुरी स्थिति है। फर्जी
एनकाउण्टर और पुलिस हिरासत में मौतों के मामले में उत्तर प्रदेश बदनाम हुआ
है। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र के वादे के अनुसार युवाओं को लैपटाप
नहीं दिया। किसानों की जमीन छीनने के लिए भाजपा तीन तथाकथित कृषि सुधार
कानून ले आई है। किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। मंहगाई बेलगाम है।
समाजवादी पार्टी किसानों, नौजवानों के मसलों पर प्रदर्शन करेगी। क्या किसान
को बाजार में छोड़ दिया जाएगा? एमएसपी किसानों को कब और कहां मिलेगी?
संसद में भाषा मर्यादित और संयमित होनी चाहिए। लोकतंत्र में सत्तापक्ष
के साथ विपक्ष की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है लेकिन सत्ताधीशों को विपक्ष
की परवाह नहीं है। सांसद मोहम्मद आजम खां पर दर्जनों फर्जी केस लगा दिए गए
है। समाजवादी पार्टी उनके साथ है। अर्थव्यवस्था बुरी स्थिति में
है। गन्ना किसानों को 15 दिन में भुगतान देने की बात कही गई थी, अभी तक
बकाया गन्ना मूल्य नहीं मिला। किसान की आय दुगनी कहां हुई? प्रदेश के
मुख्यमंत्री प्रदेश की कानून व्यवस्था सम्हाल नहीं पा रहे है पश्चिम
बंगाल में जाकर भाषण दे रहे है। भाजपा सरकार कोई काम नहीं कर पाई है, जनता
को 2022 का इंतजार है।