कृषि व ग्रामीण क्षेत्र की मजबूती व प्रगति पर सरकार का पूरा फोकस है- तोमर

एशिया पैसिफिक रूरल एंड एग्रीकल्चर क्रेडिट एसोसिएशन (अप्राका) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित “क्षेत्रीय नीति फोरम” की बैठक का उद्घाटन गुरूवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर तोमर ने कहा कि कृषि व ग्रामीण क्षेत्र की मजबूती व प्रगति पर भारत सरकार का पूरा फोकस है। इसके लिए अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं व कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जो छोटे किसानों के लिए काफी लाभकारी हैं।

अप्राका 24 देशों का संघ है, जिसमें इन देशों के केंद्रीय बैंक, नियामक प्राधिकरण, एआरडीबी, सहकारी बैंक महासंघ, वाणिज्यिक बैंक, कृषि वित्त से जुड़ी सरकारी एजेंसियां आदि 87 संस्थाएं सदस्य है। अप्राका का उद्देश्य विभिन्न विकासात्मक बैंकों, केंद्रीय बैंकों, कृषि व ग्रामीण विकास से जुड़ी अन्य एजेंसियों में कृषि को बढ़ावा देने के लिए बेहतर समझ, क्रॉस लर्निंग व सहयोग विकसित करना हैं। “क्षेत्रीय नीति फोरम” का विषय "कृषि व्यवसाय क्लस्टरों को बढ़ावा देने और ऋण बढ़ोतरी के साधनों के लिए विकास सहयोग" रहा। फोरम में दो उप विषय थे- “लघु किसानों का समूहीकरण और कृषि विकास में इसकी भूमिका” तथा “गारंटी तंत्र: किसानों के समूहों और मूल्य श्रृंखला की अन्य एजेंसियों के लिए क्रेडिट संवर्धन समाधान”। इन पर वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए।

तोमर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि व गांव आधारित है, जिसकी तरक्की के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कोशिशें कर रहे हैं। हम भली-भांति जानते हैं कि जब तक गांवों में रोजगार व पैसा नहीं होगा, तब तक कृषि आगे नहीं बढ़ेगी। दूरदर्शी प्रधानमंत्री ने इसी कड़ी में जन-धन खातों की स्कीम प्रारंभ की, उनके प्रयास स्वरूप करोड़ों लोगों को बैंकिंग संपर्क में लाया गया। नए सिस्टम में पारदर्शिता है, बिचौलिए खत्म हुए है, वहीं लीकेज बचत में बदल गई है।

उन्होंने भारत सहित एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों द्वारा महामारी से निपटने के लिए की गई पहलों, विशेष रूप से ग्रामीण गरीबों पर महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए उठाए गए उपायों की सराहना की। उन्होंने फोरम को सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान की जानकारी दी, जिसमें विशेष रूप से किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 6865 करोड़ रूपए खर्च कर 10 हजार नए एफपीओ बनाए जा रहे हैं। साथ ही, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम- किसान) योजना में लगभग पौने 11 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 1.15 लाख करोड़ रू. से ज्यादा की राशि जमा कराई गई हैं। कानूनी सुधार के माध्यम से भी कृषि क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद है और इस दिशा में सरकार पूरे मनोयोग से काम कर रही है।

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