मुख्य सचिव ने त्योहारों पर विशेष सतर्कता और सावधानी के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश किये जारी
लखनऊ। होली सहित अन्य पर्वों व त्योहारों, पंचायत
चुनाव तथा देश के विभिन्न राज्यों में कोविड संक्रमण के बढ़ने की स्थिति के
दृष्टिगत प्रदेश में विशेष सतर्कता और सावधानी बरतने के सम्बन्ध में
विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं।
उक्त
जानकारी देते हुये मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि आगामी
पर्व, त्योहारों के दौरान अत्यधिक सतर्कता बरती जायेगी तथा किसी प्रकार के
जुलूस इत्यादि प्रशासन से अनुमति प्राप्त करने के पश्चात ही आयोजित किये
जायेंगे। अनुमति प्राप्त करने के पश्चात जुलूस या सार्वजनिक कार्यक्रम के
आयोजक के लिए यह अनिवार्य होगा कि सामाजिक दूरी, सभी के लिए मास्क लगाना
तथा सेनेटाईजर की व्यवस्था करेंगे। ऐसे जुलूसों/सार्वजनिक कार्यक्रमों में
60 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों, 10 वर्ष से छोटे उम्र के बच्चों तथा
गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को प्रतिभाग न करने दिया जाये।
इसके
अतिरिक्त जिन प्रदेशों में कोविड का संक्रमण अत्यधिक है, वहां से होली के
त्योहार के लिए घर आ रहे लोगों की कोविड जांच अनिवार्य रूप से करायी जाये।
कक्षा 8 तक के समस्त निजी/सरकारी तथा अर्द्धसरकारी विद्यालयों में 24 मार्च
से 31 मार्च तक होली का अवकाश कर दिया जाये। अन्य शिक्षण संस्थान (मेडिकल
तथा नर्सिंग काॅलेज छोड़कर) 25 से 31 मार्च तक के मध्य होली का अवकाश
घोषित करेंगे, परन्तु जहां परीक्षायें चल रही होंगी, वहां परीक्षायें
यथावत् अवश्य सम्पन्न करायी जायेंगी।
इसके
अलावा पुलिस ट्रेनिंग स्कूल तथा अन्य प्रशिक्षण संस्थानों में यह
सुनिश्चित किया जायेगा कि लोगों का बाहर आवागमन न्यूनतम हो। ग्रामीण
क्षेत्रों में प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर तथा शहरों में प्रत्येक वार्ड
स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी/कर्मी की तैनाती की जाये, जो ग्राम निगरानी
समिति के माध्यम से यह सुनिश्चित करेंगे कि बाहर से आने वाले लोग अपनी-अपनी
जांच करवायें तथा जांच का परिणाम आने तक अपने घर में ही रहेंगे। कान्टेक्ट
ट्रेसिंग को तीव्र गति से किया जाये तथा जो भी व्यक्ति पाॅजिटिव आयें उनके
समस्त कान्टेक्ट (औसतन 25-30) 48 घण्टे के अन्दर चिन्हित करते हुए उनकी
जांच करायी जाये।
सभी
जनपदों में डेडीकेटड हास्पिटल संचालित रहे एवं भविष्य के लिए अन्य
अस्पतालों को भी इसके लिए नोटिस देकर तैयार रखा जाये। आवश्यक मानव संसाधन
और उपकरणों की व्यवस्था की जाये। कोविड हेल्प डेस्क को फिर से सक्रिय किया
जाये। इन्फ्रारेड थर्मामीटर एवं पल्स आक्सीमीटर का उपयोग करते हुए लक्षण
युक्त लोगों की पहचान की जाये। रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डो एवं बस स्टेशनों
पर यात्रियों की सघन कोविड जांच करायी जाये। पब्लिक एड्रेस सिस्टम को पुनः
क्रियाशील करते हुए लोगों को कोविड संक्रमण से बचने के लिए सावधानी का
संदेश निरन्तर दिया जाये तथा आम जनता में कोविड वैक्सीनेशन का अधिक से अधिक
प्रचार-प्रसार किया जाये। वैक्सीनेशन का कार्य तीव्र गति से किया जाये तथा
इसके वेस्टेज को हर हाल में रोका जाये।
इसके
अतिरिक्त सार्वजनिक स्थलों पर भीड़-भाड़ न होने दी जाये और इस हेतु पुलिस
द्वारा आवश्यक कदम उठाये जाये। जनपदों में स्थापित इन्टीग्रेटेड कोविड
कमाण्ड सेण्टर में प्रतिदिन जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य
चिकित्साधिकारी बैठक करें तथा इसमें कोविड की स्थिति की समीक्षा करते हुए
आवश्यक एहतियाती कदम उठाना सुनिश्चित किया जाये। जब भी कोई बंदी जेल से
बाहर जाये तो कारागार प्रशासन यह सुनिश्चित करें कि सोशल डिस्टेसिंग के
नियमों का अनुपालन हो तथा जब बंदी वापस आये तो उसकी कोविड जांच करा ली
जाये। सार्वजनिक स्थानों पर सभी व्यक्तियों द्वारा मास्क का प्रयोग करना
तथा सोशल डिस्टेंसिंग रखना आवश्यक होगा।