बजट के प्रावधानों में रोजगार सृजन की, की गई है उपेक्षा- प्रमोद तिवारी
प्रमोद तिवारी ने अपने भाषण में बेरोजगारी तथा बजट विषय पर बोलते हुए कहा कि मौजूदा सरकार जुमलेबाजी की सरकार है जिसने घाटे का बजट पेश किया तथा इसमें बेरोजगारी को नजरअंदाज किया है। बजट के प्रावधानों में रोजगार सृजन की उपेक्षा की गई है। प्रदेश तथा देश के हित में वही बजट अच्छा होगा जहां आर्थिक वृद्धि के साथ रोजगार सृजन भी हो। इस कार्यक्रम के बीज वक्ता लखनऊ विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अरविंद मोहन ने अपने भाषण में कहा कि भारत ने आजादी के बाद से आर्थिक वृद्धि के संदर्भ में बहुत प्रगति की है और विशेष रूप से बीसवीं सदी के पहले दशक में अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है।
भारत की आर्थिक वृद्धि अन्य देशों के लिए एक उदाहरण रही है। मौजूदा हालात में आर्थिक वृद्धि की दर नकारात्मक होती गई उसके कई कारण हैं। प्रोफेसर अरविंद मोहन ने भारत में मौजूदा आर्थिक संकट को दूर करने के लिए आर्थिक सुधार के दूसरे चरण तथा तीसरे चरण की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि जब तक संस्थागत विकास एवं अन्य संस्थाओं का साथ में आकर काम करना नहीं संभव होगा तब तक आर्थिक वृद्धि के कोई माने नहीं है। उन्होंने कहा कि आज सभी राजनीतिक दलों को इन चीजों से ऊपर उठकर अर्थव्यवस्था के सुधार के लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रमों की पहल करनी होगी।
इस कार्यक्रम के दूसरे वक्ता महेंद्र सिंह ने उद्योगों के पक्ष को रखते हुए कहा कि जब तक सामाजिक सरोकारों की सरकार उपेक्षा करती रहेगी कब तक उद्योग केवल आर्थिक वृद्धि देकर समाज में विकास नहीं कर सकते उनका कहना था की समाज के अन्य पक्षों को भी उद्योग जगत के साथ मिलकर काम करना होगा तभी युवाओं को रोजगार मिल सकता है। इस कार्यक्रम के अध्यक्ष सतीश अजमानी पूर्व विधायक ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए युवाओं की बेरोजगारी पर कांग्रेस पार्टी की चिंता व्यक्त की।
इस मौके पर डॉक्टर हिलाल अहमद नकवी ने बताया कि कृषि क्षेत्र में सरकार किसानों की उपेक्षा करके आर्थिक संकट को गहरा दी जा रही है और इसका असर बेरोजगारी ही नहीं बल्कि गरीबी भर्ती पड़ेगा। कार्यक्रम को अंत में डॉ विनोद चंद्र ने संबोधित करते हुए कहां के ऑल इंडिया प्रोफेशनल कांग्रेस पार्टी लाइन के अलावा भी विद्वानों को एक मंच प्रदान कर रही है जिससे स्वस्थ और प्रभावी डिबेट हो सके और कांग्रेस पार्टी लाभान्वित हो सके।