भाजपा के कार्यकर्ता ही अब अपनी सरकार के कामकाज से बुरी तरह हो रहे हैं असंतुष्ट- अखिलेश यादव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सच को छुपाने और झूठ फैलाने की चाहे जितनी
कोशिशें कर ले उसमें तनिक भी सफलता मिलने वाली नहीं है। खुद उसके घर में ही
अब असंतोष और विरोध के स्वर उभरने लगे हैं। जब प्रदेश कार्य समिति के मंच
से भाजपा नेता आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी जीत के दावे कर रहे थे तभी
तमाम पदाधिकारी एवं नेता भाजपा राज में बढ़ रहे कुशासन के खिलाफ अपनी आवाज
बुलन्द करने में लगे थे।
समाजवादी पार्टी शुरू से ही कहती आई है
कि भाजपा राज में अराजकता अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
शासन-प्रशासन का इस पर कोई नियंत्रण नहीं दिखाई देता है। मंत्रियों की भी
शिकायत है कि अफसर उनकी नहीं सुनते हैं। खुद मुख्यमंत्री कार्यालय के फोन,
तमाम निर्देशों के बावजूद, डीएम, एसएसपी, एसपी, कमिश्नर नहीं उठा रहे हैं,
यह खबर तो सरकारी सूत्रों ने ही दी है। जब मुख्यमंत्री को कोई गम्भीरता
से नहीं लेता हैं तो जनसामान्य की सुनवाई का तो सवाल ही नहीं उठता है। खुद भाजपा नेता ही यह कहने लगे है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं
बदहाल है। मरीजों को समय से उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। अस्पतालों में
डाक्टर नहीं है, दवाएं नहीं मिलती हैं।
समाजवादी पार्टी ने एक रूपए के
पर्चे पर सभी दवाएं और जांचे निःशुल्क कराने की व्यवस्था की थी। नए-नए
मेडिकल कालेज खोले थे। गम्भीर रोगों किडनी, दिल, कैंसर, लीवर का इलाज काफी
मंहगा होता है। समाजवादी पार्टी सरकार ने इन रोगों के परीक्षण एवं इलाज की
निःशुल्क सुविधा दी थी। मुख्यमंत्री सहायता कोष से भी सहायता दी जाती थी।
मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 108 एम्बूलेंस सेवा शुरू की गई थी। इन
सब सेवाओं की बदहाली चल रही है। भाजपा के कार्यकर्ता ही अब अपनी
सरकार के कामकाज से बुरी तरह असंतुष्ट हो रहे हैं। उनका कहना है कि तहसीले
और थाने भ्रष्टाचार के अड्डे बन गए हैं। लेखपालों की मनमानी चल रही है।
पीडि़त और आरोपित दोनों से वसूली हो रही है।
जब खुद भाजपाई यह कहने लगे हैं
तो मुख्यमंत्री का जीरो टालरेंस सिर्फ एक ढकोसला ही है। आश्चर्य की बात तो यह है कि जनता के बीच पनपते असंतोष और आक्रोश के बावजूद
भाजपा नेता सुधर नहीं रहे हैं। वे अभी भी हवा महल में बैठकर अपनी कामयाबी
के दिवास्वप्न में खोये हुए हैं। उनके मुंगेरी लाल के सपनों का टूटना
निश्चित है। सन् 2022 के चुनावों में जनता उन्हें ‘ठोक दो‘ का जवाब ठोक
करके देगी।