योगी सरकार की कुव्यवस्था के कारण मर रहें है लोग - संजय सिंह

 


लखनऊ : महामारी के वक्त लोगों को अपनों का भरोसा होता है। सरकार का भरोसा होता है। सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह कैसे इस संकट से जनता को उबारे, लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जनता को मरने के लिए छोड़कर खुद आइसोलेशन में चली गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता को अनाथ छोड़ दिया है । सरकार की कुव्यवस्था के कारण लोग मर रहें है पूरे उत्तर प्रदेश से ऑक्सीजन की कमी के कारण मौतों की खबरें आ रही हैं और केंद्रीय रेलमंत्री इसकी बर्बादी रोकने की बातें कर रहे हैं। अगर वह यूपी वासियों के जख्मों पर मरहम नहीं लगा सकते तो कम से कम उस पर नमक छिड़कने का काम न करें। महामारी में योगी सरकार के कुप्रबंधन को लेकर आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोमवार को इस तरह पीयूष गोयल सहित यूपी की योगी सरकार पर करारा हमला बोला।

आप नेता संजय सिंह ने कहा की प्रदेश में एक और महामारी लोगों की जान ले रही है तो दूसरी तरफ सरकार का कुप्रबंधन उन्हें मार रहा है। प्रदेश के 43 कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट की खबरें मीडिया में आई हैं। बीते 02 दिनों के दौरान लोहिया अस्पताल में 05 और विवेकानंद अस्पताल में 04 मरीजों की मौत हो चुकी है। 3000 मरीज ऑक्सीजन के भरोसे हैं। अगर शीघ्र ऑक्सीजन का संकट खत्म ना हुआ तो इनकी सांसे टूट सकती हैं। 

संजय सिंह ने स्थिति की भयावहता बताते हुए कहा कि कानपुर देहात के घाटमपुर के पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष की मौत के बाद उनके पति ने बयान दिया "मैं अंतिम समय तक अपनी पत्नी के लिए सांसे मांगता रहा।" झांसी में ऑक्सीजन का अकाल है। प्रदेश के अन्य कई जिलों का ऐसा हाल है। इसके बाद भी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल कह रहे हैं कि बर्बादी रोकने के लिए लोगों को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जाएगी। उनके इस हास्यास्पद बयान पर मैं उनसे कहना चाहता हूं कि पहले यूपी के लोगों को ऑक्सीजन तो उपलब्ध कराइए उसके बाद बर्बादी रोकने की बातें करिए।

संजय सिंह ने प्रदेश की भयावह तस्वीर बयां करने के लिए विभिन्न ख़बरें सामने रखीं। बताया कि रविवार को 210 शवों का अंतिम संस्कार लखनऊ में किया गया। गोमती के किनारे 1 किलोमीटर तक लाशों की कतार लगी हुई है।आगरा सड़क के किनारे चबूतरे पर लाशें जलाई जा रही हैं। झांसी में बेड बिक रहे हैं। लखनऊ में सूरजपाल का 13 साल का बेटा खत्म हो गया और कोई कंधा देने नहीं आया। गोरखपुर में अजय शुक्ला की मां को राधिका की जगह आराधना लिखकर निगेटिव कोरोना रिपोर्ट दी गई। इस कुप्रबंधन के बीच बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोरोना से उनकी मौत हो गई। अजय मां की लाश लेने गए तो देखा गहने चोरी थे। राजधानी में लोगों को बेड के लिए सीएमओ का पत्र लेना पड़ रहा है। ऐसे में कई लोग इलाज बिना मर जा रहे हैं। अगर अब भी मुख्यमंत्री नहीं जागे तो आने वाले दिनों में गांव गांव का यही हाल होगा। यह महामारी को छिपाने का नहीं बल्कि साथ मिलकर उससे डटकर मुकाबला करने का वक्त है। यूपी की जनता ने वोट देकर आपको जो जिम्मेदारी सौंपी है अब उसे निभाने का वक्त है।


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