आयुर्वेद का ज्ञान बारीकियों भरा होता है


दुनियां भर के विद्वानों ने लोगो को ज्ञान दे देकर नाना प्रकार के काढ़े पिलवा दिए। पता नही क्या क्या मिलवा दिया, जिसे जो मर्जी आया मिलवा दिया। पीरियोडिक टेबल यानी आवर्त सारणी का शायद ही कोई ऐसा तत्व हो जो काढ़े में ना मिलवाया गया हो। इसका परिणाम यह हुआ कि अंट शंट काढ़े पीकर लोगो के लीवर किडनी और ऑक्सीजन पर बन आयी। यह ठीक नही है।

आयुर्वेदाचार्य बनना अगर इतना ही आसान होता तो आज गली गली झोलाछाप वैद्य बैठे होते। हमारे ऋषियों ने बड़ा शोध कर के मौलिक सूत्र रचे थे। वे सूत्र आज हमारे पास नही है किंतु उनका निचोड़ अनुभव सिद्ध बुजुर्गो द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित किया जाता रहा है। आयुर्वेद का ज्ञान बारीकियों भरा होता है। मात्रा और तत्वों का मिश्रण बड़ा महत्वपूर्ण होता है।

अतैव किसी नए फेसबुकिये के ज्ञान से दीवाने होकर अपना स्वास्थ ना बिगाड़े बल्कि किसी अनुभवी और योग्य वैद्य की सलाह लेकर ही उपयोग में लाएं।

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