बालू के ढेर में दबाकर और नदियों में शवों को बहाकर मौतों का आंकड़ा छिपा रही योगी सरकार - सभाजीत सिंह
लखनऊ : कोरोना महामारी से प्रदेश कराह रहा है, लेकिन योगी सरकार सब ठीक बता रही है। सरकार की कोशिश झूठ बोलकर अपनी नाकामी छिपाने की है, मगर नदियों के किनारे भयावह मंजर पूरी पोल खोल रहे हैं। गंगा किनारे दो हजार से ज्यादा शव दफन हैं। इलाज का हाल तो जगजाहिर है, अब योगी राज में लोगों को सम्मानजनक ढंग से अंत्येष्टि भी नहीं हो पा रही है। सोमवार को ये बातें आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कहीं।
प्रदेश में बेकाबू कोरोना महामारी को लेकर सभाजीत सिंह ने योगी सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार महामारी की सच्चाई छिपाने में जुटी हुई है। सही आंकड़े जनता के सामने न आ पाएं, इसीलिए योगी सरकार ने कोरोना जांच आधे से भी कम करा दी है। सभाजीत सिंह ने कहा कि योगी सरकार महामारी पर अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुनावी जिद से कोरोना गांव-गांव तक फैल चुका है। अब मुख्यमंत्री इस सच्चाई को छिपाकर अपनी नाकामी भी छिपाने में लग गए हैं। सभाजीत सिंह ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट में लगातार यह बात सामने आ रही है कि मरीजों की संख्या कम दिखाने के लिए जांचें भी घटा दी गई हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे कई जिंदगियां जोखिम में पड़ सकती हैं। सभाजीत सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार सब ठीक होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन नदियों के किनारे रेत में दबी लाशों की कतारें और गंगा में उतराते शव प्रदेश की हकीकत बयां कर रहे हैं। प्रदेश में रोज ही कहीं न कहीं से मानवता को शर्मसार करती शवों की बेकद्री की तस्वीरें सामने आ रही हैं। कहीं ठेले पर लाशें ढोई जा रही हैं तो कहीं पर कुत्ते शव नोच रहे हैं।
आप प्रदेश अध्यक्ष ने एक बार फिर पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान संक्रमित होकर दम तोड़ने वाले शिक्षकों का मामला उठाया। कहा कि अब तक प्रदेश भर में दो हजार से ज्यादा शिक्षक, शिक्षामित्रों के दम तोड़ने की सूचनाएं सामने आ चुकी है। बड़ी संख्या में शिक्षकों की मौतों के लिए योगी सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार है। सरकार की चुनावी जिद के कारण आज उनके परिवार में मातम का माहौल है। आम आदमी पार्टी की ओर से ऐसे सभी शिक्षकों के परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग उठाई गई थी। हाई कोर्ट ने भी एक करोड़ का मुआवजा देने की बात पर अपनी मुहर लगाई है। सरकार को अविलंब यह धनराशि पीडि़त परिवारों को मुहैया करानी चाहिए। साथ ही एक सदस्य को नौकरी देनी चाहिए। इसके साथ ही मजदूरी पेशा लोगाें को सरकार की ओर से एक हजार रुपये देने की घोषणा नाकाफी है। आम आदमी पार्टी ने पहले ही दिहाड़ी मजदूर, ठेला, रेहड़ी वालों के लिए पांच हजार रुपये की मदद का प्रावधान करने की मांग की थी, सरकार को महंगाई को देखते हुए एक हजार की धनराशि बढ़ाकर पांच हजार करनी चाहिए।