माला जपने की अपेक्षा मन को मथना ज्यादा श्रेष्ठ है
यद्यपि माला जपने की अपेक्षा मन को मथना ज्यादा श्रेष्ठ है तथापि माला
फेरने का भी अपना एक प्रभाव है। किसी महापुरुष ने बड़ी ही सुन्दर बात कही है
कि यदि आपके एक हाथ में माला है तो आप दूसरे हाथ से कभी भी पाप नही कर
सकते। जब तक माला
हमारे हाथों में रहेगी कम से कम तब वह हमें वह सब कुछ नही करने देगी जो हम
चाहते है।
वह माला के प्रति हमारी धारणा निष्ठा और विश्वास का ही प्रतिफल है
कि वह मौन रहकर भी हमें अनुशासित करती है। माला फेरने से हमारी बुद्धि तक शुद्ध हो जाती है। प्रेम से माला पर
जाप करने वाले के ना केवल ताप कटते है, संताप मिट जाते हैं और पाप करने
वाली विचारधारा का नाश हो जाता है। पूरे दिन प्रभु स्मरण चलता रहे पर माला
के जप का अपना महत्व है।