उ0न्या0 के आदेश का संदर्भ देकर पु0मु0 के आदेशों के अनुपालन के नाम पर कार्रवाई प्रचलित नहीं
बहराइच। बहराइच जिले में एक विचित्र प्रकरण सामने
आया है। मामला यह है कि एक 85 वर्षीया वृद्ध महिला सोनापति सिंह ने अपने
पति स्वर्गीय इन्द्र बहादुर सिंह , सेवानिवृत्ति उप निरीक्षक ,श्रीनगर
कालोनी , मडियांव , लखनऊ के शासनादेश के अनुसार दिनांक 01-01-2006 से पेंशन
/ पारिवारिक पेंशन संशोधित करने के सम्बंध में प्रार्थनापत्र दिया था.
बहराइच के पुलिस अधीक्षक को संबोधित दिनांक 24 /03 / 2017 को दिये गये
प्रार्थनापत्र पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और अब बहराइच पुलिस का
कहना है कि साल 2016 में उनकी फाइल बन्द हो गई है, यहां कोई कार्रवाई
प्रचलित नहीं है।
बताते चले कि इस संदर्भ में स्व.इन्द्र बहादुर सिंह ने
अपने जीवित रहते शासनादेश सं 4/2016-308 /97/ टी.सी./ दिनांक 21/01/2006
की छायाप्रति संलग्न करके दिनांक 04 /04/2016 और 24/05/2016 को तत्कालीन
पुलिस अधीक्षक बहराइच के समक्ष प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया था। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इस संदर्भ में मा. उच्च
न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ द्वारा 14 /02 /2017 को पारित आदेश का संदर्भ
देकर 28 /07/ 2017 को सहायक लेखाधिकारी मुख्यालय, नि.वित्त नियंत्रक
मुख्यालय, उत्तर प्रदेश और 01/09/2017 को वित्त नियंत्रक उत्तर प्रदेश
पुलिस मुख्यालय, इलाहाबाद ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को स्व.इन्द्र बहादुर
सिंह के प्रार्थनापत्र को निस्तारित करने के लिए निर्देश दिया था जिस पर
कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब बहराइच पुलिस का कहना है कि उनकी फाइल 2016 में
बन्द हो गयी है और यहां कोई कार्रवाई प्रचलित नहीं है।
अब सवाल यह है कि मा.उच्च न्यायालय की लखनऊ
खण्डपीठ के आदेश का संदर्भ ग्रहण करवाते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय
द्वारा पुलिस अधीक्षक बहराइच को दिये गये निर्देशों का अनुपालन करने का
दायित्व किसका है ? प्रार्थी इन्द्र बहादुर सिंह प्रार्थनापत्र देते -
देते यह संसार छोड़ चुके है. उनकी 85 वर्षीया वृद्ध एवं बीमार पत्नी
सोनापति सिंह सरकारी कार्यालयों का कितना चक्कर लगा पायेंगी ? इसके अलावा
जब मा.उच्च न्यायालय के आदेश के बावज़ूद पीड़िता की सुनवाई नहीं हो रही है
तब कथित ' कानून का राज्य ' की स्थिति को आसानी से समझा जा सकता है। अब सोनापति सिंह पत्नी स्वर्गीय
इन्द्र बहादुर सिंह के प्रार्थनापत्र पर कब कार्रवाई होगी जिससे उनके
अवशेष देयों का भुगतान हो सकें ? इसके अलावा मा.उच्च न्यायालय की लखनऊ
खण्डपीठ के आदेश का संदर्भ ग्रहण करवाते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय
के निर्देशों का बहराइच पुलिस ने 04 साल तक अनुपालन नहीं किया , जिसके लिए
कब उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा?
इसके साथ - साथ अपने अवशेष देयों
के भुगतान को जीवित रहने तक न प्राप्त कर पाने वाले स्व. इन्द्र बहादुर
सिंह की मृत्यु हो गयी. अब उनकी पत्नी सोनापति सिंह जो पिछले 04 सालो से यह
भुगतान प्राप्त करने के लिए संघर्षरत है , इससे उनकी जो हानि हुई , अपने
पति की मृत्यु जैसी त्रासदी का सामना करना पड़ा उसकी क्षतिपूर्ति कैसे और
कब होगी ?