फर्जी काल सेन्टर का भण्डाफोड़ कर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित 02 गिरफ्तार
लखनऊ। फर्जी काल सेन्टर का भण्डाफोड़ करके विभिन्न इंश्योरेंस कम्पनियों के नाम पर प्रलोभन देकर और धोखाधड़ी करके करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना सहित 02 लोगो को गिरफ्तार किया गया है। जिनके पास से भारी मात्रा में विभिन्न इंश्योरेंस कम्पनियों के ग्राहकों का डेटा बरामदा किया गया है।
अभियुक्त दिलशाद पुत्र मियजान जनपद गाजियाबाद मूल पता-ग्राम समसपुर, थाना इस्लामनगर, जनपद बदायूँ एवं अभियुक्त अर्जुन कुमार पुत्र अनिल कुमार 86 मूल पता ग्राम बलई थाना-बालिसनगर, समस्तीपुर बिहार से है। एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को विगत कुछ समय से सूचना प्राप्त हो रही थी कि विभिन्न इंश्योरेस कम्पनियों के ग्राहकों को फोन करके प्रलोभन देकर उनसे ठगी की जा रही है। जिस सम्बन्ध में एसटीएफ उ0प्र0 की विभिन्न टीमों /इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में अनिल कुमार सिसोदिया, अपर पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 के पर्यवेक्षण मे एस0टी0एफ0 मुख्यालय स्थित साइबर टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तंत्र को सक्रिय किया गया, इस दौरान ज्ञात हुआ कि इन्श्योरेंस कम्पनियों के ग्राहको से ठगी करने वाल गिराहे के विरूद्ध थाना कोतवाली नगर, जनपद औरैया पर मु0अ0सं0 430/21 धारा 420, 467, 468, 471, 504 भादवि पंजीकृत है।
नोएडा में एक फर्जी काल सेन्टर चल रहा है, जहाँ से विभिन्न इंश्योरेस कम्पनियों के ग्राहकों को फोन करके प्रलोभन देकर उनसे ठगी की जा रही है। एसटीएफ टीम नोएडा के पहुँचकर पूर्व से ज्ञात स्थान के बारे में अपने स्तर से जानकारी कर फर्जी काल सेन्टर के संचालक/ इस गिरोह के सरगना को आवश्यक बल प्रयोग कर गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ मे उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्त दिलशाद ने बताया कि वह वर्ष--2015 से 2017 तक इण्डिया इन्फोलाइन, वर्ष-2017 से 2018 तक श्रीधर इंश्योरेंस ब्रोकिंग कम्पनी में टेलीकालर के पद पर नौकरी किया था। वहीं से विभिन्न कम्पनियों के ग्राहको का डेटा चुराकर वर्ष 2020 में अपने द्वारा बनाये गये फर्जी काल सेन्टर में इसका उपयोग करता था।
जिन ग्राहको की बड़ी पालिसी होती थी उनका डेटा तैयारकर उन्हें भ्रमित कर फर्जी स्कीम बताकर कमीशन, अधिक बोनस एवं एजेन्ट कोड ऐक्टिव कराने के नाम पर उनको मिलने वाले रूपयें पर टैक्स जमा करने के नाम पर तथा पैसे रिफण्ड कराने के नाम पर बैंक मैनेजर, इन्श्योरेंस आफिसर आर0बी0आई0 का चीफ जनरल मैनेजर आदि बनकर फर्जी नाम पते पर खोले गये बैंक खातों में उनसे पैसे जमा करा लेते थे। कानपुर के एक डाक्टर से लगभग 04 करोड़ रूपये एवं औरैया के एक व्यक्ति से लगभग 70 हजार रूपये ठगी किया गया है। इस गिरोह द्वारा कई करोड़ की ठगी की गयी हैं जिसमें बारे में छानबीन की जा रही है। इनके पास से बरामद कार के बारे में पूछने पर बताया कि यह कार ठगी से मिलने वाले पैसे से ही खरीदी गयी है।