कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री ने दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
लखनऊ। इस समय वायरस कमजोर है। संक्रमण दर न्यूनतम रह गई है। वैक्सीनेशन के अभियान को तेज करने के लिए यह अनुकूल समय है। आदरणीय प्रधानमंत्री द्वारा 18 वर्ष की आयु से अधिक के सभी नागरिकों के लिए 21 जून से राज्य सरकारों को निःशुल्क टीका उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री के इस निर्णय से टीकाकरण अभियान को और गति मिलेगी।
हमें इस सुअवसर का लाभ लेते हुए पूरी क्षमता के साथ टीकाकरण अभियान संचालित करना होगा। इस हेतु रणनीति बना कर प्रभावी ढंग से लागू की जाए। हर दिन 06 लाख लोगों को टीका-कवर देने के लक्ष्य के साथ तैयारी की जाए। जबकि 01 जुलाई से प्रतिदिन 10 से 12 लाख लोगों को वैक्सीनेट किया जाए। वैक्सीनेशन सेंटर और वैक्सीनेटर की संख्या बढ़ाएं।
विकास खंडों के अंतर्गत राजस्व गांवों का क्लस्टर बनाकर टीकाकरण अभियान
चलाया जाए। एक क्लस्टर को एक सप्ताह के भीतर वैक्सीनेट करने का लक्ष्य हो।
ग्राम पंचायतों को केंद्र बनाएं। ग्रामीणों को टीका लगने की तारीख पहले से
ही बताई हो। वैक्सीनेशन की तिथि के तीन दिन पूर्व ग्राम प्रधान, शिक्षक,
आशा बहनों सहित क्षेत्रीय प्रबुद्ध जनों के सहयोग से लोगों को जागरूक किया
जाए। टीकाकरण के बाद किसी प्रकार की चिकित्सकीय सहायता के लिए एम्बुलेंस के
साथ क्विक रिस्पॉन्स टीम भी सक्रिय रहे। ग्राम पंचायतों की तरह, शहरों में
वार्डों को केंद्र बनाकर टीकाकरण कराया जाए। कोविड महामारी से बचाव के लिए किए गए टीम वर्क से अच्छे परिणाम मिल रहे
हैं। उत्तर प्रदेश में माहमारी नियंत्रित है। वर्तमान में प्रदेश में कुल
4,957 एक्टिव केस हैं। इससे पहले, 5,000 से कम एक्टिव केस 24 मार्च को थे।
महाराष्ट्र और केरल में दैनिक केस, उत्तर प्रदेश में कुल जितने एक्टिव केस
हैं, उसके दो से तीन गुने अधिक केस महाराष्ट्र और केरल में हर दिन आ रहे
हैं।जून माह में उत्तर प्रदेश में औसत पॉजिटिविटी दर 0.3% रही है। प्रदेश
में अब तक 5.50 करोड़ से अधिक कोविड सैंपल की जांच हो चुकी है, जबकि ढाई
करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। बीते 24 घंटे में 02 लाख 73 हजार 426 सैम्पल टेस्ट हुए, जबकि 294 नए
पॉजिटिव केस आये और 592 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए। बीते 24 घंटे
में पॉजिटिविटी दर 0.1 फीसदी रही, जबकि रिकवरी दर 98.4% हो चुकी है। प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन ढाई करोड़ के पार हो गया है। विगत 24 घंटों
में 04 लाख 60 हजार 358 लोगों को टीका-कवर मिला, इसमें, 02 लाख 46 हजार 898
लोग 18 से 44 आयु वर्ग के हैं। अब तक 02 करोड़ 51 लाख 54 हजार से अधिक
वैक्सीन डोज एडमिनिस्टर किए जा चुके हैं। टीकाकरण की पहली डोज प्राप्त कर
चुके लोगों की संख्या 02 करोड़ से अधिक हो चुकी है, जबकि 39 लाख 87 हजार से
अधिक लोगों को दोनों डोज मिल चुकी है।
उत्तर प्रदेश सभी तरह की परिस्थितियों का सामना करने के लिए तैयार है।
प्रदेश ऑक्सीजन जेनेरेशन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है। पीएम केयर्स
के तहत प्रदेश के लिए नए प्लांट की स्वीकृति दी गई है। पीएम केयर्स के
सहयोग से प्रस्तावित 129 ऑक्सीजन प्लांट्स सहित अब प्रदेश में कुल स्वीकृत
ऑक्सीजन प्लांट की संख्या 533 हो गई है। इसमें 101 प्लांट क्रियाशील भी हो
चुके हैं। प्लांट स्थापना से जुड़े कार्यों की सतत समीक्षा की जाए। इस संबंध
में भारत सरकार से समन्वय बनाए रखा जाए। आदरणीय प्रधानमंत्री ने कल कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए
'कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स प्रोग्राम' का शुभारंभ किया है। पहले चरण में लगभग
10 हजार फ्रंटलाइन वर्कर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इनका प्रशिक्षण
स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगा। कोविड संक्रमण के दृष्टिगत बेहतर होती स्थिति के बीच 21 जून से सोमवार से
शुक्रवार प्रातः 07 बजे से रात्रि 09 बजे तक कोरोना कर्फ्यू में छूट दी
जाएगी। इस अवधि में कोविड प्रोटोकॉल के साथ बाजार, मॉल, रेस्टोरेंट पार्क,
आदि खुल सकेंगे।धर्मस्थलों पर एक समय मे अधिकतम 05 लोगों की उपस्थिति हो
सकती है, शादी समारोहों में अधिकतम 50 लोगों की सहभागिता की अनुमति दी जाए।
सब्जी मंडिया खुले स्थानों पर संचालित की जाएं। स्टेडियम, जिम, क्लब,
शिक्षण कार्य अभी बंद रखे जाएं। नई गाइडलाइन के संबंध में विस्तृत
दिशा-निर्देश आज ही जारी कर दिए जाएं। सभी जिलों में संक्रमण की दैनिक स्थिति पर सतत नजर रखी जाए। यदि किसी जनपद
में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 500 से अधिक होती है तो कोरोना
कर्फ्यू में दी जा रही छूट तत्काल समाप्त कर दी जाए। रात्रिकालीन कर्फ्यू रात्रि 09 बजे से अगले दिन प्रातः 07 बजे तक प्रभावी
रखा जाए। शुक्रवार रात्रि से सोमवार प्रातः तक साप्ताहिक कोरोना कर्फ्यू भी
लागू रखा जाए। बच्चों
की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से घर-घर मेडिकल किट
वितरण का विशेष अभियान शुरू हो गया है। 26 जून से दवाएं घर-घर वितरित की
जाएंगी। जिलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से निगरानी समितियों
को दवाइयों का पैकेट दिलाया जाए। लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति
जागरूक करें। अभियान के सुचारू क्रियान्वयन के लिए सतत मॉनीटरिंग की जाए।
बरसात का मौसम प्रारम्भ ही गया है। बाढ़ की आशंका के दृष्टिगत राहत संबंधी
सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएँ। ड्राई राशन जिस पैकेट में दें, उसकी
गुणवत्ता भी अच्छी हो। आपदा से पीड़ित लोगों को 24 घंटे के भीतर स्थानीय
जनप्रतिनिधियों के हाथों अनुमन्य सहायता राशि प्रदान कराई जाए। आम जनता की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में रिफॉर्म
की कार्यवाही की जा रही है। नियम सरल हों, जनहित पर केंद्रित हों, यही
प्राथमिकता है। इसके दृष्टिगत सभी प्रस्तावित कार्यों को तेजी से पूरा किया
जाए।