भाजपा सरकार की विदाई के साथ ही बने सपा की सरकार

रायबरेली। उ0प्र0 में गरीब कहीं हो उसे लगता है कि अखिलेश से ही राहत मिलेगी। प्रदेश भर में लाखों ऐसे हैं कि उनको तहेदिल से विश्वास हैं। जनपद रायबरेली के हरचंदपुर ब्लाक का लक्ष्मण निषाद अघौरा घाट में सिंघाड़े की खेती करता है। गत 14 दिसम्बर 2019 को जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उधर से गुजरे तो उन्होंने सिंघाड़ा इकट्ठा करते लक्ष्मण को पुकारा, पहले तो वह सकुचाया पर बाद में कुछ ऐसा हुआ कि वह तब से उनसे तीन बार मिल चुका है।

आज भी वह लखनऊ के पार्टी कार्यालय में मिलने आया। यों तो इस क्षेत्र में सन् 2004 में अखिलेश यादव ने जिस ऊबड़-खाबड़ सड़क पर साइकिल चलाई थी, उसे उनकी सरकार में ही सन् 2014 में पक्की बनाया गया था। बछरावां बाईपास के चुरवा बार्डर रैन से पश्चिम गांव तक अब सड़क बन जाने से तमाम गांव वालों को सुविधाएं मिल गई है। कहानी यह है कि पहली मुलाकात में सहमे लक्ष्मण से जब अखिलेश ने आत्मीयता से बात की तो उसकी जान में जान आई और कृतज्ञतावश उसने चंद सिंघाड़े अखिलेश को भेंट कर दिए। उसकी मां कलावती भी एक दिन उत्सुकतावश अखिलेश से मिली। अब यह परिवार अखिलेश की दिन रात प्रशंसा करते थकता नही।

लक्ष्मण का कहना है कि वही नहीं, गांव के तमाम लोग भी अब भाजपा सरकार से तंग आ गए हैं। कोरोना संक्रमण में भी किसी ने पूछा नहीं। उनके गांव में बीमारो को ठीक से इलाज नहीं मिला। लॉकडाउन के चलते उसका धंधा चौपट हो गया है। डेढ़ वर्ष से उसको कहीं से कोई मदद नहीं मिली। लक्ष्मण निषाद ने अखिलेश को बताया कि परेशानी के इन दिनो में उसकी सब्जी बर्बाद हो गई तो उसने पिछले वर्ष अखिलेश के नाम पर मुफ्त में ही सब्जी जरूरतमंदों में बंटवा दी। उसका कहना था कि स्वयं उसे और सब्जी के काश्तकारों को बस अखिलेश से ही उम्मीदे है। वह चाहता है जल्दी से जल्दी भाजपा सरकार की विदाई हो और समाजवादी पार्टी की सरकार बने, अखिलेश मुख्यमंत्री बने।

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