योगी आदित्यनाथ ने की पीएम मोदी और जेपी नड्डा से मुलाकात
दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज
शुक्रवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय
अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ ने गृह
मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। योगी आदित्यनाथ और अमित शाह की बातचीत
करीब डेढ़ घंटे चली थी। बताया जा है कि योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी की
मुलाकात होने के बाद उत्तर प्रदेश में काफी बदलाव हो सकते हैं।
अमित शाह के
बाद नरेंद्र मोदी से मुलाकात करना उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल के लिए बड़ा
बदलाव साबित हो सकता है। मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ गुरुवार की दोपहर लखनऊ से दिल्ली पहुंच गए थे। दोपहर बाद
उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके बाद अमित शाह और पूर्व
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से मुलाकात हुई थी। अनुप्रिया पटेल अपना दल
की अध्यक्ष हैं और मौजूदा मोदी मंत्रिमंडल में गठबंधन के बावजूद उन्हें
जगह नहीं दी गई थी। पिछले कुछ दिनों से राज्य में तरह-तरह की चर्चाएं चल
रही हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति पर नजर रखने वालों का कहना है कि
अनुप्रिया पटेल समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के संपर्क में हैं।
इस
साल के आखिर तक उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और में विधानसभा
चुनावी दुंदुभी बज जाएगी। अगले साल की शुरुआत तक इन राज्यों में चुनाव
होंगे। लिहाजा, इन राज्यों से कई सांसदों को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी
जाएगी। ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई मौजूदा सदस्यों को संगठन में
वापस भेजा जा सकता है। कुछ को प्रदर्शन और उम्र के आधार पर छुट्टी भी दी
जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश से कम से कम 4 नए चेहरों को
केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। उत्तराखंड से एक, पंजाब से दो और गोवा
से भी एक सांसद को मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी।
उत्तर
प्रदेश में विधानसभा चुनाव से जुड़े समीकरणों को सेट करने के लिए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया जाना है।
इस वक्त यूपी कैबिनेट में 6 स्थान अलग-अलग कारणों से खाली पड़े हुए हैं। कई
मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी की जाएगी। संगठन को मजबूत करने के लिए सरकार
के कई मौजूदा मंत्रियों को वापस भेजा जाएगा। जानकारी मिल रही है कि करीब 15
बदलाव योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में देखने को मिल सकते हैं। इनमें उप
मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मिनिस्टर, स्टेट मिनिस्टर (इंडिपेंडेंट चार्ज)
और स्टेट मिनिस्टर भी शामिल हैं। इस बदलाव में भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और
ब्राह्मण समाज को खास तरजीह देने पर मंथन चल रहा है।