कोरोना आपदा में बलिया के किसानों के खेत की मिट्टी चुरा रही है योगी सरकार- संजय सिंह

बलिया कोरोना आपदा में बलिया के किसानों के खेत की मिट्टी योगी सरकार चुरा रही है। एक एक किसान के खेत में इतने बड़े गड्ढे हैं कि उन्हें भरने में 50 से 500 ट्राली मिट्टी की जरूरत पड़ेगी। महामारी के इस दौर में किसान इतना पैसा कहां से लाएंगे। इसलिए वहां सड़क निर्माण हेतु किसानों के खेतों से जबरन मिट्टी निकालने और फसल बर्बाद करने के संबंध में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

गुरुवार को आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ये बातें कहीं। उन्होंने इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को तीखा खत लिखा है। पत्र के जरिये संजय सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया है कि विगत कई दिनों से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगरा ब्लॉक के ग्रामीणों की ढेर सारी वीडियो प्राप्त हो रही है। जिसमें सड़क निर्माण के लिए जे.सी.बी मशीन द्वारा उनके खेतों से मिट्टी निकाली जा रही है। ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है कि यह प्रक्रिया कई किलोमीटर दूर से चलती आ रही है। इस वजह से नगरा ब्लॉक के नरही गांव से इंदरौली गांव तक के तीन किलोमीटर के सभी खेतों में बड़े-बड़े गढ्ढे हो चुके हैं।

ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है कि तकरीबन 8 किलोमीटर के क्षेत्र में ऐसे ही किसानों के खेतों से मिट्टी निकाल कर सड़क बनाई जाएगी। इन गढ्ढों को भरने के लिए हर एक किसान को लगभग 50 से 500 ट्रॉली तक मिट्टी चाहिए। इस प्रकार इनको भरने के लिए कुल लाखों ट्रॉली मिट्टी की जरूरत होगी। सड़क बनाने के लिए किसानों के खेत से मिट्टी निकलना एक बहुत बड़ा अपराध है, महामारी के ईस दौर में उनके ऊपर पैसे के बोझ का पहाड़ टूटने जैसा है। मुख्यमंत्री कोरोना महामारी के दौर में किसान कहाँ से लाएंगे इतने पैसे? आपका सड़क बनाने का यह कौन सा मॉडल है, जिसमें किसान की सोने जैसी मिट्टी का प्रयोग होता है? ग्रामीण किसान बता रहे हैं कि बीच-बीच में विरोध के बाद मशीनें वापस चली जाती है, फिर आकर उनके खेतों से मिट्टी निकालने लगती है।

मुझे इस स्थिति के बारे में सोचकर अंग्रेजों के काले शासन की याद आ जा रही है । आपको ज्ञात होगा कि अधिकतर किसानों के खेतों में धान की रोपाई हो चुकी है। खेतों की किनारों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो जाने से किसानों के खेत का पूरा पानी इसमें इकठ्ठा हो जाएगा, उन्हें अपनी फसल की वृद्धि के लिए पानी एकत्रित करना मुश्किल हो जाएगा। कोरोना महामारी के वक्त किसानों की अतिरिक्त आमदनी का कोई श्रोत नही है, कई किसान कर्ज लेकर अपने खेतों  में रोपाई करते हैं। आपसे मेरा निवेदन नहीं बल्कि मेरी अधिकारपूर्वक मांग है कि कृपया जिस भी ठेकेदार को यह सड़क बनाने का काम दिया गया है, उस पर सख्त से सख्त कारवाई करें, तत्काल F.I.R. दर्ज करें और उसे हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट कर दें। जिससे कि वह भविष्य में किसानों के पेट भरने वाले खेतों की तरफ आंख उठाकर भी ना देखे। 

साथ भी जिन किसानों के खेतों से मिट्टी निकाल ली गयी है, उनके खेतों में मिट्टी की भरपाई करें या उन्हें उचित धनराशि दें। जिससे वह अच्छी गुणवत्ता की मिट्टी भरवा सकें और अगर आपके प्रदेश में सड़क बनाने के लिए मिट्टी किसानों के खेत से लेनी होती है तो कृपया मुझे वह नियम की पत्रावली दें। मैं इसके खिलाफ लड़ूंगा और न्यायालय तक जाऊंगा। सीएम को भेजे पत्र में संजय सिंह ने लिखा है- मेरे पिता शिक्षक पद से सेवानिवृत्त होने के बाद से कई सालों से खेती का काम कर रहे हैं। मुझे भी अपने खेत की उपजाऊ मिट्टी की कीमत मालूम है। किसानों के पेट भरने वाले खेत में इतने बड़े गड्ढे सरकार को कभी नही करने दूंगा।मुझे बेहद खुशी होती अगर आप मनरेगा के माध्यम से सही जगह से मिट्टी लाकर मजदूरों से सड़क पर मिट्टी भरने का काम कराते, गरीब लोगों का पेट भरता वह आपको बहुत आशीर्वाद देते ।

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