धन जीवन की आवश्यकता हो सकती है उद्देश्य कदापि नहीं
ज्यादा पैसा, जल्दी पैसा, जितना भी हो पैसा और जीवन ही पैसा की जीवन शैली में अब हम अपना स्वास्थ्य बेचने में लगे हैं। यूँ तो हमने धन का अम्बार लगा दिया, मगर स्वास्थ्य को दाव पर लगाकर विचार करें वो धन किस काम का जो हमसे जीवन ही छीन ले। आज का आदमी बड़ी नासमझी में जीवन जी रहा है।
आज आदमी पहले पैसा कमाने के लिए सेहत बिगड़ता है फिर सेहत वापिस पाने के लिए पैसे बिगाड़ता है। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। स्वास्थ्य रहने पर आप धन अवश्य कमा सकते हैं मगर धन रहते हुए भी स्वास्थ्य नहीं कमाया जा सकता है। धन जीवन की आवश्यकता हो सकती है उद्देश्य कदापि नहीं, धन साधन है साध्य नहीं धन अर्जित जरुर किया जाए मगर स्वास्थ्य की वलि देकर नहीं।