15 से 28 जुलाई तक आयोजित किया जा रहा है ग्राम प्रधानों का एक दिवसीय प्रशिक्षण
लखनऊ। पंचायतीराज
विभाग द्वारा नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों के प्रशिक्षण हेतु वृहद स्तरीय
राणनीति अपनाई गई है। प्रदेश में ग्राम प्रधानों को 15 से 28 जुलाई, 2021
के मध्य मण्डल स्तर पर जूम प्लेट फार्म के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया
जायेगा। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजनान्तर्गत नवनिर्वाचित ग्राम
प्रधानों का एक दिवसीय प्रशिक्षण मंडल स्तर पर 15 से 28 जुलाई, 2021 के
मध्य जूम प्लेटफार्म के माध्यम से किया जा रहा है।
नव निर्वाचित ग्राम
प्रधानों को प्रशिक्षण दिये जाने के लिए 24 से 29 जून, 2021 के मध्य
‘प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण’ का आयोजन कर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की
रूपरेखा तय की जा चुकी है। प्रशिक्षण आयोजन सम्बंधी विस्तृत निर्देश अपर
मुख्य सचिव, पंचायती राज, विभाग द्वारा 13 जुलाई, 2021 को निर्गत किए जा
चुके है। अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज के निर्देशानुसार मण्डल स्तर पर नव
निर्वाचित ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाऐगा। यह
जानकारी पंचायतीराज निदेशक किंजल सिंह ने देते हुए बताया कि
प्रशिक्षण के लिए राज्य स्तर से प्रत्येक विषय पर मास्टर टेªनर मंडलों में
तैनात किए गए है, जोकि प्रधानों को उनकी भूमिका एवं उत्तरदायित्व तथा
विभागीय योजनाओ, ग्राम पंचायत विकास योजना, एस.डी.जी. ई-गवर्नेंस, स्वच्छ
भारत मिशन(ग्रा0)/ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थ प्रबंधन जैसे विषयों पर
रूचिकर वीडियो के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि यह
प्रथम बार है जो कि प्रधानों का प्रशिक्षण सामान्य निर्वाचन के डेढ़ माह के
अन्दर ही आयोजित किया जा रहा है। मंडलों द्वारा प्रशिक्षण के लिए कमर कस ली
गई है, प्रशिक्षण 20-20 के छोटे समूहों में आयोजित किया जा रहा है, समस्त
मंडलों की चिन्हित ग्राम पंचायतों हेतु धनराशि पहले ही मंडलों को
हस्तान्तरित की जा चुकी है। सभी ग्राम प्रधानों को उनके लिये निर्धारित
तिथियों से सूचित किया जा चुका है। प्रधानों का प्रशिक्षण आर.जी.एस.ए.
योजना से ही किया जा रहा है जोकि पंचायतों के प्रशिक्षण एवं क्षमता
संवर्द्धन हेतु समर्पित योजना है। निदेशक पंचायतीराज
ने बताया कि प्रदेश की 58189 ग्राम पंचायतों में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान
अपने कार्य एवं दायित्वों की नियामक जानकारी, वित्त प्रबंधन, विभागीय
महत्वपूर्ण योजनाओं आदि की जानकारी प्रदान करने से निश्चित रूप से उनकी
कार्यकुशलता एवं क्षमता में वृृद्धि होगी।
कोरोना संक्रमण काल में पंचायतों
की भूमिका और भी महत्वपूर्ण है एवं नव निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा इन
चुनौतियों से कुशलतापूर्वक लड़े एवं कार्य क्षेत्र में पूरी तैयारी से उतरे,
यह अति आवयश्यक है। ग्राम प्रधानों के माध्यम से न सिर्फ पंचायती राज
व्यवस्था की सबसे छोटी इकाई प्रशिक्षित होगी बल्कि प्रशिक्षण एवं क्षमता
संवर्द्धन का आधार भी और मजबूत होगा।